"ब्रह्मपुत्र नदी": अवतरणों में अंतर

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इस [[नदी]] का उद्गम [[तिब्बत]] में [[कैलाश पर्वत]] के निकट ''जिमा यॉन्गजॉन्ग'' [[झील]] है। आरंभ में यह तिब्बत के पठारी इलाके में, ''यार्लुंग सांगपो'' नाम से, लगभग 4000 मीटर की औसत उचाई पर, 1700 किलोमीटर तक पूर्व की ओर बहती है, जिसके बाद ''नामचा बार्वा'' पर्वत के पास दक्षिण-पश्चिम की दिशा में मुङकर भारत के [[अरूणाचल प्रदेश]] में घुसती है जहां इसे ''सियांग'' कहते हैं।
 
उंचाई को तेजी से छोड़ यह मैदानों में दाखिल होती है, जहां इसे ''दिहांग'' नाम से जाना जाता है। [[असम]] में नदी काफी चौड़ी हो जाती है और कहीं-कहीं तो इसकी चौड़ाई 10 किलोमीटर तक है। डिब्रूगढ तथा लखिमपुर जिले के बीच नदी दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है। असम में ही नदी की दोनो शाखाएं मिल कर [[मजुली द्वीप]] बनाती है जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी-द्वीप है। असम में नदी को प्रायः '''ब्रह्मपुत्र''' नाम से ही बुलाते हैं, पर [[बोङो]]बोडो लोग]] इसे ''भुल्लम-बुथुर'' भी कहते हैं जिसका अर्थ है- ''कल-कल की आवाज निकालना''।
 
== मुहाना ==