"प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर

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'''प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍वविद्यालय''' एक आध्यात्मिक संस्‍था है। इसकी विश्‍व के ३७ देशों में ८,५०० से अधिक शाखाएँ हैं। इस संस्था का बिजारोपण १९३० के दशक में अविभाजित भारत के सिन्ध प्रान्त के हैदराबाद नगर में हुआ। लेखराज कृपलानी इसके संस्थापक थे। इस संस्था में स्त्रियों की महती भूमिका है।
 
इस संस्था का मत है कि 5000 वर्ष का एक विश्व नाटक चक्र होता है जिसमें चार युग होते हैं। प्रत्येक युग 1200 वर्ष का होता है और कलयुग व सतयुग के बीच में संगम युग भी होता है। श्रीकृष्ण सतयुग के आरम्भ में आते हैं, गीता उपदेश देते हैं,जो कि 5000 वर्ष पहले दिया गया था। वर्तमान में गीता उपदेश ब्रह्माकुमारी पंथ में मुरली के माध्यम से दिया जाता है।<ref>{{Cite web|url=https://www.brahma-kumaris.com/world-drama-cycle-hindi|title=विश्व नाटक चक्र {{!}} राजयोग कोर्स|website=Brahma Kumaris|language=en|access-date=2021-11-27|archive-date=27 नवंबर 2021|archive-url=https://web.archive.org/web/20211127155306/https://www.brahma-kumaris.com/world-drama-cycle-hindi|url-status=dead}}</ref>
 
== स्थापना ==