नमस्कार मै दीपक कुमार विश्वकर्मा फतेहपुर उत्तर प्रदेश से हूं
मुझे लिखने का बहुत शौक है मै शायरी मुक्तक छंद दोहा और कविताएं लिखता हूं । मै एक रचनाकार हूं । जो साथ साथ इस जीवन के संघर्ष को भी लिखता हूं। मै रामधारी सिंह दिनकर जी की कविता " आग की भीख " से बहुत प्रभावित हुआ जिसने मेरे अंतरमन तक को छू लिया और मै वर्ष 2014 में एक पहली कविता " नई सुबह " लिखी
उसके बाद से मेरे लिखने का सिलसिला शुरू हो गया । और मैंने #जिन्दगी के #संघर्ष ,समाज व्यवस्था , रानी लक्ष्मबाई का बलिदान , राजनीति , दिल्ली हिंसा, और देश के प्रहरी जवानों पर भी कविताएं लिखा हूं और अभी भी जब तक इस मिट्टी तन में जीवन की खुशबू रहेगी तब तक लिखता रहूंगा । मै आपने सभी पाठको तक अपने लेखनी से लिखी कविताएं पहुंचने का पूरा प्रयास करूंगा ।