"प्रोजेक्ट टाइगर": अवतरणों में अंतर

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इनकी संख्या
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'''प्रोजेक्ट टाईगर''' (''बाघ बचाओ परियोजना'') की शुरुआत ७ अप्रैल 1973 को हुई थी। इसके अन्तर्गत आरम्भ में ९ बाघ अभयारण्य बनाए गए थे। आज इनकी संख्या बढ़कर 5253 हो गई है।है जिसका नाम गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान है सरकारी आकडों के अनुसार 2006 में १४११ बाघ बचे हुए है। 2010 में जंगली बाघों की संख्या 1701 हो गयी है। 2226 बाघ 2014 में प्राकृतिक वातावरण में थे। यह केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना है।
अखिल भारतीय बाघ रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 2967 है, मध्यप्रदेश मे बाघों कि संख्या 526 है।
 
[[चित्र:Tiger-INDIA-Maya.JPG|अंगूठाकार]]
वैज्ञानिक, आर्थिक, सौंदर्यपरक, सांस्‍कृतिक और पारिस्‍थितिकीय दृष्‍टिकोण से भारत में बाघों की वास्‍तविक आबादी को बरकरार रखने के लिए तथा हमेशा के लिए लोगों की शिक्षा व मनोरंजन के हेतु राष्‍ट्रीय धरोहर के रूप में इसके जैविक महत्‍व के क्षेत्रों को परिरक्षित रखने के उद्देश्‍य से केंद्र द्वारा प्रायोजित बाघ परियोजना वर्ष १९७३ में शुरू की गई थी।