"उपास्थि": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Cartilage.jpg|300px|right|thumb|सूक्ष्मदर्शी से देखने पर केटिलेज]]
डिजिटल डॉक्टर केंद्र की तरफ से एक अनूठा कदम। किसी भी बीमारी के लिए एमबीबीएस एमडी डॉक्टर से निशुल्क परामर्श पाएं कॉल करें 7007144610'''उपास्थि''' मानव [[शरीर]] एवं अन्य प्राणियों में पाया जाने वाला लचीला [[संयोजी ऊतक|संयोजी उत्तक]] है। यह हमारी मज्जा में स्थापित कॉन्ड्रोसाइट्स कोशिकाओं से बने होते हैं। कान की हड्डी, नाक की हड्डी, अस्थियों के जोड़ आदि उपास्थि के बने हैं।
गरीबों के लिए सुनहरा मौका
 
डिजिटल डॉक्टर केंद्र की तरफ से एक अनूठा कदम। किसी भी बीमारी के लिए एमबीबीएस एमडी डॉक्टर से निशुल्क परामर्श पाएं कॉल करें 7007144610'''उपास्थि''' मानव [[शरीर]] एवं अन्य प्राणियों में पाया जाने वाला लचीला [[संयोजी ऊतक|संयोजी उत्तक]] है। यह हमारी मज्जा में स्थापित कॉन्ड्रोसाइट्स कोशिकाओं से बने होते हैं। कान की हड्डी, नाक की हड्डी, अस्थियों के जोड़ आदि उपास्थि के बने हैं।
 
उपास्थि की संरचना के अनुसार ये [[कोलेजन]] या [[एलॉस्टिन]] के बने होते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं- हाइलीन उपास्थि, एलास्टिक और फाइब्रो उपास्थि। उपास्थि शरीर के ऊतकों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। ये हमारे शरीर के जोड़ों को लचीला भी बनाते हैं। इसकी मौजूदगी की वजह से ही हमारे शरीर के कई अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। उपास्थि [[रक्त]] वाहिकाओं से जुड़े नहीं होते बल्कि इनके अंदर पोषक [[तत्त्व|तत्व]] बिखरा रहता है। आमतौर पर ये लचीले होते हैं लेकिन जरूरत और प्रकार के हिसाब से इनकी प्रकृति में अंतर होता है। कुछ ऐसे अंग जिनमें उपास्थि पाया जाता है, वे हैं- कान, नाक, पंजर और इंटरवर्टीब्रल डिस्क।