"अक्षांश रेखाएँ": अवतरणों में अंतर

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अक्षांश रेखाओं की संख्या जोकि इसमें गलत बताई गई थी अक्षांश रेखाओं की संख्या 181 है जबकि इसमें 179 बताई गई थी
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[[File:Latitudes and Latitudinal Lines with Hindi
BY :- RAMBHAGAT SWAMI JNVIAN
Tags.gif|thumb|400px|अक्षांश रेखाएँ]]
[[भूगोल]] में किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान का '''अक्षांश''' (latitude) तथा '''देशांतर''' (longitude) बताया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश, धरातल पर उस स्थान की 'उत्तर-दक्षिण स्थिति' को बताता है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश क्रमशः ९० डिग्री उत्तर तथा ९० डिग्री दक्षिण होता है।
: ''किसी स्थान के अक्षांश का मान = ९० - (उस स्थान को धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके रेखांश की रेखा विषुवत वृत्त को जहा मिलती है उस बिंदू से धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बना कोण)
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इस प्रकार, [[भूमध्य रेखा|विषुवत वृत्त]] के सभी बिन्दुओं का अक्षांश '''शून्य''' होता है। अर्थात [[भूमध्य रेखा]], शून्य डिग्री अक्षांश से होकर जाने वाली रेखा है। विषुवत वृत्त की उत्तरी एवं दक्षिणी दिशा में 1 डिग्री के अंतराल से खींचे जाने पर नंबर 90 अक्षांश वृत्त होते हैं यानी कि किसी भी स्थान का अक्षांश 90 डिग्री से अधिक नहीं हो सकता। विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग को [[उत्तरी गोलार्ध]] और दक्षिणी भाग को [[दक्षिणी गोलार्ध]] कहा जाता है।
 
अक्षांश रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ है, इनकी संख्या अनन्त है। एक अंश (डिग्री) के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या = ९० + ९० + १ = १८१ और यदि दोनों ध्रुवों को रेखा न माना जाय क्योंकि ये बिंदु हैं, तो 179181 बतायी जाती है।
1° के अन्तराल पर खींचे जाने पर किन्हीं दो क्रमागत अक्षांश रेखाओं के बीच की लम्बाई 111 किलोमीटर होती है ।