"नथाराम शर्मा गौड़": अवतरणों में अंतर

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<b>नथाराम शर्मा गौड़</b> (1874 - 1943) उत्तर प्रदेश, भारत में हाथरस के इंदरमन अखाड़े के [[नौटंकी]] (उत्तर भारत के ओपेरा थियेटर) नाटकों के लेखक और कलाकार थे।<ref>{{Cite web|url=https://www.oxfordreference.com/view/10.1093/oi/authority.20110803100223779 |title=Oxford reference| accessdate=5 August 2020}}</ref><ref>{{Cite web|last=Pande|first=Mrinal|date=2013-01-11|title=History {{!}} Nautanki nation|url=https://www.livemint.com/Leisure/pfmuo0p8BncY0GKchwnTTJ/History--Nautanki-nation.html|access-date=2020-08-05|website=Livemint|language=en}}</ref> नौटंकी नाटक जीवन से बड़ा था। बॉलीवुड फालतू के कार्यक्रमों के पूर्ववर्ती, यह लावण्य, चकाचौंध और शुद्ध कल्पना से भरी दुनिया थी। गीत, नृत्य, रोमांस और मेलोड्रामा ने कई लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस शैली में किए जाने वाले लोकप्रिय नाटक राजा हरीश्चंद्र जैसे ऐतिहासिक शख्सियतों से भरे हुए थे, जिन्होंने अपनी बात रखने के लिए धन, राज्य, पत्नी और बच्चे को त्याग दिया था।
==आरंभिक जीवन==
नथाराम का जन्म 14 जनवरी 1874 को हाथरस जिले के दरियापुर गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह बेहद गरीब परिवार से थे। वह एक बच्चे के रूप में हाथरस आए, अपने अंधे पिता, भागीरथमाल का मार्गदर्शन करते हुए और भिक्षा के लिए गाते हुए। उनकी मधुर आवाज और आकर्षक चेहरे ने हाथरस के इंदरमन अखाड़े के शिष्यों में से एक चिरंजीलाल का ध्यान आकर्षित किया। नथाराम को अखाड़े ने गोद लिया था, जहां उन्होंने पढ़ने और लिखने के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत और नृत्य सीखा। नथाराम ने बहुत ही कम समय में कला में महारत हासिल कर ली और अपनी टोली के एक स्टार बन गए। बाद में उन्होंने अपनी सेना बनाई और 'श्याम' प्रिंटिंग प्रेस शुरू की। नाथराम ने [[उत्तरी अमेरिका]], [[इंडोनेशिया]], [[मॉरीशस]] और [[म्यांमार]] में अपने नाटकों का प्रदर्शन किया। रंगून में कई लोगों ने नथाराम के नाटकों को समझने के एकमात्र उद्देश्य से हिंदी सीखी।
==कार्य==
उन्होंने 1897 और 1940 के बीच 113 नाटक लिखे।<ref>{{Cite web|url=https://publishing.cdlib.org/ucpressebooks/view?docId=ft9v19p2qq&chunk.id=d0e3269&toc.id=d0e3269&brand=ucpress| title=Natharam and the Indarman Akhara of Hathras: 1892-1920 | accessdate= 5 August 2020}}</ref>