"यान्त्रिक अनुवाद": अवतरणों में अंतर

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कम्प्यूटर साफ्टवेयर की सहायता से एक प्राकृतिक भाषा के टेक्स्ट या कही गयी बात (स्पीच) को दूसरी प्राकृतिक भाषा के टेक्स्ट या वाक में अनुवाद करने को मशीनी अनुवाद या '''यांत्रिक अनुवाद''' कहते हैं। .
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== इतिहास ==
यांत्रिक अनुवाद का मूल विचार सन् 1946 में वारेन वीवर और ए0 डी0 बूथ के बीच स्वचालित अंक परिकलन यंत्र '''automatic digital computers''' के विषय में परिचर्चा के समय उठा। बूथ और डौ0 एच0 बी0 ब्रिटन ने 1947 में इंस्टिट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी, प्रिंस्टन में स्वचालित कंप्यूटर से कोश का अनुवाद करने के लिए, एक विस्तृत "कोड" तैयार किया। 1948 में आर0 एच0 रिचनस (R.H Richens) ने कोरे शब्दानुवाद के साथ-साथ ब्याकरणिक रूपों का यांत्रिक अनुवाद कर सकने की संभावना प्रकट की। अमेरिका में यांत्रिक अनुवाद पर महत्वपूर्ण कार्य जुलाई सन् 1946 में वारैन वीवर के अनुवाद नामक ज्ञापन के प्रकाशित होने पर शुरू हुआ। अनेक विश्व विद्यालयों और टेकनॉलॉजी संस्थानों ने इस कार्य को अपने हाथ में लिया। 1950 में रेफलर (Reifler) ने '''Studies in Mechanical Translation''' नामक ग्रंथ लिखा, जिसमें अनुवाद पर पूर्व संपादन और अनुवादोत्तर संपादन का प्रस्ताव रखा। फिर यांत्रिक अनुवाद पर अतरराष्ट्रीय सम्मेलन होने लगे, पत्रपत्रिकाएँ निकलीं ओर रूसी से अँग्रेजी में अनुवाद होने लगे।