"पुराना मन्दिर (1984 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Film
| name = पुराना मन्दिर
| image =
| image =पुराना मन्दिर.jpg
| caption = '''पुराना मन्दिर''' का पोस्टर
| producer =
| director = [[रामसे बंधु]]; [[(तुलसी रामसे]] एवं [[श्याम रामसे]])<ref>[http://www.bollywoodhungama.com/moviemicro/cast/id/507261 Bollywood Hungama]</ref>
| music = अजित सिंह
| writer =
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'''पुराना मंदिर''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] उच्चारण; Purana Mandir) वर्ष 1984 की हिंदी भाषा में बनी एक हाॅर्रर फ़िल्म है, जिसका निर्माण एवं निर्देशन रामसे बंधुओं द्वारा किया गया है। इस हाॅर्रर फ़िल्म की कहानी में सामरी, नामक शैतान राक्षस को वर्णित किया गया है। फ़िल्म का संगीत अजीत सिंह ने सजाया है।
 
==सारांश==
फ़िल्म का पर्दार्पण 200 वर्ष पूर्व, राजा हरमन सिंह के सल्तनत बीजापुर से होती होती है, जिसके निकट एक काली पहाड़ी स्थित है। राजा अपनी प्रिय बेटी राजकुमारी रुपाली के गायब होने से परेशान है जहाँ पर शैतान-पुजारी सामरी (अनिरुद्ध अग्रवाल) का निवास-स्थान है। जहाँ राजकुमारी पुराने किले के रास्ते भटक जाती है और दुष्ट सामरी उसे अगवा कर, यातनाएं देता है। अपने शिकार के लिए विशेष तौर पर पहचान के लिए वह पीड़ित को जाहिर है अपनी आँखों के जरिए बेबस करता है, जहाँ उसकी सामान्य आँखें शैतानी मुद्रा में आकर सफेद पड़ जाती है। और इस प्रक्रिया दौरान, सामरी की आँखें सुर्ख लहु सा लाल हो जाता था। राजा हरमनसिंह इस दहशत को खत्म करने सामरी का पकड़ने का निर्णय करते हैं और सिपाहियों से उसकी धर-पकड़ का हुक्म देते हैं।