"नीतिशतकम्": अवतरणों में अंतर
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भर्तृहरिजी, नीतिशतक की रचना करने वाले हैं संग्रह करने वाले नहीं हैं। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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'''नीतिशतकम्''' [[भर्तृहरि]] के तीन प्रसिद्ध शतकों जिन्हें कि 'शतकत्रय' कहा जाता है, में से एक है। इसमें [[नीति]] सम्बन्धी सौ श्लोक हैं।
नीतिशतक में भर्तृहरि ने अपने अनुभवों के आधार पर तथा लोक व्यवहार पर आश्रित नीति सम्बन्धी श्लोकों
संस्कृत विद्वान और टीकाकार भूधेन्द्र ने नीतिशतक को निम्नलिखित भागों में विभक्त किया है, जिन्हें 'पद्धति' कहा गया है-
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