"चिकित्सालय": अवतरणों में अंतर
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[[File:Entrada principal do Hospital São Camilo, Coronel Fabriciano MG.jpg|thumb|right|चिकित्सालय - [[ब्राज़ील]]]]
== इतिहास ==
'''अस्पताल''' या '''चिकित्सालय''' तथा औषधालय मानव सभ्यता के आदिकाल से ही बनते चले आए हैं। [[वेद]] और [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार स्वयं भगवान ने प्रथम चिकित्सक के रूप में अवतार लिया था। 5,000 वर्ष या इससे भी प्राचीन इतिहास में चिकित्सालयों के प्रमाण मिलते हैं, जिनमें चिकित्सक तथा [[शल्यचिकित्सा|शल्यकोविद]] ([[सर्जन]]) काम करते थे। ये चिकित्सक तथा सर्जन रोगियों को रोगमुक्त करने और उनके आर्तिनाशन तथा मानवता की ज्ञानवृद्धि के भावों से प्रेरित होकर स्वयंसेवक की भांति अपने कर्म में प्रवृत्त रहते थे। ज्यों-ज्यों सभ्यता तथा जनसंख्या बढ़ती गई त्यों त्यों सुसज्जित चिकित्सालयों तथा सुसंगठित चिकित्सा विभाग की आवश्यकता भी प्रतीत होने लगी। अतएव ऐसे चिकित्सालय सरकार तथा सेवाभाव से प्रेरित जनसमुदाय की ओर से खोले जाने का प्रमाण इतिहास में मिलता है। हमारे देश में दूर-दूर के गाँवों में भी कोई न कोई ऐसा व्यक्ति होता था, चाहे वह अशिक्षित ही हो, जो रोगियों को दवा देता और उनकी चिकित्सा, करता था। इसके पश्चात् आधुनिक समय में तहसील तथा जिलों के अस्पताल बने जहाँ अंतरंग (इनडोर) और बहिरंग (आउटडोर) विभागों का प्रबंध किया गया। आजकल बड़े बड़े नगरों में अस्पताल बनाए गए हैं, जिनमें भिन्न-भिन्न चिकित्सा विभागों के लिए विशेषज्ञ नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक आयुर्विज्ञान (मेडिकल) शिक्षण संस्था के साथ बड़े बड़े अस्पताल संबद्ध हैं और प्रत्येक विभाग एक विशेषज्ञ के अधीन हैं, जो कालेज में उस विषय का शिक्षक भी होता है। आजकल यह प्रयत्न किया जा रहा है कि गाँवों में भी प्रत्येक पाँच मील के क्षेत्र में चिकित्सा का एक केंद्र अवश्य हो।
== अस्पताल के विभाग ==
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