"अपररूपता": अवतरणों में अंतर

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अपरूप एक ही तत्व के विभिन्न संरचनात्मक रूप हैं और काफी अलग भौतिक गुणों और रासायनिक व्यवहार का प्रदर्शन कर सकते हैं। बहुरूपी रूपों के बीच परिवर्तन कुछ विशेष कारकों अर्थात दाब, प्रकाश व ताप के प्रभाव से शुरू होता है। इसलिए, विशेष अपरूपों की स्थिरता विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, काय केंद्रित घन संरचना (फेराइट) से लोहे का परिवर्तन कर फलक केंद्रित घन संरचना (ऑस्टेनाइट) मे करने के लिए 906 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और टिन का परिवर्तन धात्विक टिन से अर्धचालक टिन मे करने के लिए उसे 13.2 डिग्री सेल्सियस से नीचे लाना पड़ता है। विभिन्न रासायनिक व्यवहार वाले अपरूपों का एक उदाहरण ओजोन (O3) है जो अपने अपरूप डाई आक्सीजन(O2) की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली ऑक्सीकारक है।
 
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<big>[https://scimist.blogspot.com/2022/01/blog-post_31.html हीरे] के गूण -</big>
* https://web.archive.org/web/20080131061355/http://www.physics.uoguelph.ca/summer/scor/articles/scor40.htm
 
1. यह एक रंगहीन, पारदर्शी तथा अत्यन्त चमकीला पदार्थ है। कोयले की परतों पर चट्टानों का दाब पड़ने से हीरा पारदर्शक हो जाता है।
 
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* https://scimist.blogspot.com/2022/01/blog-post_24.html?m=1
* https://web.archive.org/web/20100211125043/http://www.chemistryexplained.com/A-Ar/Allotropes.html