"प्रतिचुम्बकत्व": अवतरणों में अंतर

हमनें उसमे कुछ बदलाव ना करते हुए। उसमें उसी से संबंधित कुछ नया जोड़ने की कोशिश करी है।जिससे लोगों को और ज्यादा आसानी से इस विषय के बारे में जानकारी पढ़ने को मिले।हमने प्रतिचुंबकीय पदार्थ के बारे में एक सरल परिभाषा दी है जो की बिलकुल सही है ।और लोगो के लिए सुविधाजनक है। 🔴वे पदार्थ जो चुंबकीय क्षेत्र में दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं,उन्हें प्रतिचुंबकीय पदार्थ कहते हैं।इस तरह के पदार्थों में उपस्थित सारे इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं। उदाहरण – TiO2,NaCl, बेंजीन आदि।
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[[चित्र:Diamagnetimus pyrolytischer graphit.gif|right|thumb|300px|निओडिमिअम के चुम्बक के ऊपर रखा ताप-अपघट्य कार्बन, चुम्बक के ऊपर तैरता रहता है। स्थायी चुम्बकों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि उनसे उत्पना चुम्बकीय क्षेत्र उर्ध्वाधर (vertical) है तथा दो चुम्बकों के बीच ऊपर-नीचे दिशा में है। ]]
 
'''प्रतिचुम्बकीय पदार्थ''' वे हैं जिनमें बाहर से आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र के उल्टी दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरित होता है। ये पदार्थ वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिकर्षित (रिपेल) किये जाते हैं। अर्थात इनका व्यवहार [[अनुचुम्बकत्व|अनुचुम्बकीय पदार्थों]] के चुम्बकीय व्यवहार के उल्टा होता है। प्रतिचुम्बकत्व एक क्वाण्टम यांत्रिक प्रभाव है और सभी पदार्थ यह गुण प्रदर्शित करते हैं।जब अन्य चुम्बकीय प्रभाव नगण्य हों तो ऐसे पदार्थों को प्रतिचुम्बकीय कह दिया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि प्रतिचुम्बकीय पदार्थों की [[चुम्बकशीलता|पारगम्यता]] (परमिएबिलिटी) '''μ<sub>0</sub>''' से कम होती है।
👇सरल रूप में👇
 
🔴वे पदार्थ जो चुंबकीय क्षेत्र में दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं,उन्हें प्रतिचुंबकीय पदार्थ कहते हैं।इस तरह के पदार्थों में उपस्थित सारे इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं।
उदाहरण – TiO2,NaCl, बेंजीन आदि।
 
उदहारण : जस्ता, बिस्मथ, नमक, जल, ताँबा, चांदी, हाइड्रोजन, हवा, एल्कोहल इत्यादि।