"लता मंगेशकर": अवतरणों में अंतर
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लता की जादुई आवाज़ के [[भारतीय उपमहाद्वीप]] के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। [[टाईम पत्रिका]] ने उन्हें भारतीय [[पार्श्वगायक|पार्श्वगायन]] की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें '[[भारतरत्न]]' से सम्मानित किया था।
इनकी मृत्यु [[कोविड-19|कोविड]] से जुड़े
== बचपन ==
[[File:LataMangeshkar14.jpg|thumb|right|लता मंगेशकर की बचपन की छबि]]
लता का जन्म एक कर्हाडा ब्राह्मण दादा और [[गोमंतक मराठा दादी ]]के परिवार में, [[मध्य प्रदेश]] के [[इन्दौर|इंदौर]] शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित [[दीनानाथ मंगेशकर]] के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता [[रंगमंच]]
हालाँकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश [[महाराष्ट्र]] मे हुई। वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं। बचपन में [[कुन्दन लाल सहगल]] की एक फ़िल्म चंडीदास देखकर उन्होने कहा था कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेगी। पहली बार लता ने [[वसंग जोगलेकर|वसंत जोगलेकर]] द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म ''कीर्ती हसाल'' के लिये गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये।
पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की कारण से पैसों के लिये उन्हें कुछ [[हिन्दी]] और [[मराठी भाषा|मराठी]] फिल्मों में काम करना पड़ा। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म ''पाहिली मंगलागौर'' ([[१९४२|1942]]) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, ''माझे बाल'', ''चिमुकला संसार'' ([[१९४३|1943]]), ''गजभाऊ'' ([[१९४४|1944]]), ''बड़ी माँ'' ([[१९४५|1945]]), ''जीवन यात्रा'' ([[१९४६|1946]]), ''माँद'' ([[१९४८|1948]]), ''[[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]]'' ([[१९५२|1952]]) शामिल थी। ''बड़ी माँ''
[[१९४५|1945]] में उस्ताद [[ग़ुलाम हैदर]] (जिन्होंने पहले नूरजहाँ की खोज की थी) अपनी आनेवाली फ़िल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमे [[कामिनी कौशल]] मुख्य भूमिका निभा रही थी। वे चाहते थे कि लता उस फ़िल्म के लिये पार्श्वगायन करे। लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी।
[[१९४७|1947]] में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म ''आपकी सेवा में'' में लता को गाने का मौका दिया। इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने ''मज़बूर'' फ़िल्म के गानों "अंग्रेजी छोरा चला गया" और "दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने" जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।
[[१९४९|1949]] में लता को ऐसा मौका फ़िल्म "महल" के "आयेगा आनेवाला" गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री [[मधुबाला]] पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा [[मधुबाला]] दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
; विविध
* पिता
* उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म '
* लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया "आयेगा आने वाला" सुपर डुपर हिट था।
* लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं।
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== पुरस्कार ==
[[चित्र:Lata Mangeshkar black-and-white.jpg|right|thumb|250px|लता जी की युवावस्था की छबि]]
* फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993
* राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975
* महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966
* 1969 - पद्म भूषण
* 1974 - दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
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* 1993 - फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
* 1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
* 1997 - राजीव
* 1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
* 1999 - पद्म विभूषण
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