"परासरण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Osmosis computer simulation.jpg|thumb|right|200px|संगणक के द्वारा परासरण क्रिया का प्रदर्शन]]
[[चित्र:Osmose en.svg|thumb|right|200px|कम सांद्रण वाले घोल से अधिक सान्द्रण वाले घोल की तरफ विलायक के अणुओं की गति के कारण बाद में विलयन का स्तर अलग-अलग हो जाता है।]]
'''परासरण''' (Osmosis) दो भिन्न सान्द्रता वाले घोलों के बीच होनेवाली एक विशेष प्रकार की [[विसरण]] क्रिया है जो एक [[अर्धपारगम्य झिल्ली]] के द्वारा होती है। इसमें [[विलायक]] (घोलक) के अणु कम सान्द्रता वाले घोलविलयन से अधिक सान्द्रता वाले घोलविलयन की ओर गति करते हैं।<ref>{{ Citation
| last=Haynie
| first=Donald T.
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| year=2001
| pages=130-136
}}</ref> यह एक भौतिक क्रिया है जिसमें घोलकविलायक के अणु बिना किसी बाह्य [[ऊर्जा|उर्जा]] के प्रयोग के अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर गति करते हैं। विलेय (घुल्य) के अणु गति नहीं करते हैं क्योंकि वे दोनों घोलोंविलयनों के अलग करने वाली अर्धपारगम्य झिल्ली को पार नहीं कर पाते हैं।पाते।<ref>{{cite web|url=http://www.biologie.uni-hamburg.de/b-online/e22/22c.htm|title=Osmosis|access-date=7 अक्तूबर 2008|archive-url=https://web.archive.org/web/20090307034636/http://www.biologie.uni-hamburg.de/b-online/e22/22c.htm|archive-date=7 मार्च 2009|url-status=dead}}</ref> परासरण की क्रिया में उर्जा मुक्त होती है जिसके प्रयोग से पेड़-पौधों केकी बढतेबढ़ती जड़जड़ें चट्टानों को भी तोड़ देती हैं।
 
[https://10th12th.com/osmosis/ परासरण] वह क्रिया है जिसमें अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली द्वारा प्रथक किये गये विभिन्न सांद्रता वाले दो घोलो में जल अथवा किसी विलायक के अणुओं का विसरण कम सांद्रता वाले घोल से अधिक सांद्रता वाले घोल की ओर होता है।
 
== सन्दर्भ ==
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==इन्हें भी देखें==
*परासरण
*[[परासरण दाब]]
* [[दाब पर्वंताप्रवणता]]
* [[सांद्रता प्रवणता]]
संदर्ता पर्वनता
 
[[श्रेणी:विसरण]]
[[श्रेणी:जल प्रौद्योगिकी]]