"सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५": अवतरणों में अंतर
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''15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया।''
सूचना
लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुनी हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन कालान्तर में अधिकांश राष्ट्रों में भ्रष्टाचार बढ़ता गया। भ्रष्टाचार करने के लिए जनविरोधी और अलोकतांत्रिक तरीको को अपनाया गया। लोकतंत्र में मालिक होने के नाते जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है, कि जो सरकार उनकी सेवा में है, वह क्या कर रही है।
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