"वेदांग": अवतरणों में अंतर
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=== निरुक्त ===
शब्द की उत्पत्ति तथा व्युत्पत्ति कैसे हुई, यह निरुक्त बताता है। इसविषय पर यही महत्व का ग्रंथ है। [[यास्क|यास्काचार्य]] जी का यह निरुक्त प्रसिद्ध है। इसको शब्द-व्युत्पत्ति-शास्त्र भी कह सकते हैं। वेद का यथार्थ अर्थ समझने के लिए इस निरुक्त की अत्यंत आवश्यकता है। निरुक्त के माध्यम से ही व्यक्ति किसी भी शब्द की जड़ tk पहुंचता h
=== छन्द ===
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