"अमीबा": अवतरणों में अंतर
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'''अमीबा''' (Amoeba) [[जीववैज्ञानिक वर्गीकरण]] में एक [[वंश (जीवविज्ञान)|वंश]] है तथा इस वंश के सदस्यों को भी प्रायः अमीबा कहा जाता है। अत्यंत सरल प्रकार का एक [[प्रजीव]] (प्रोटोज़ोआ) है जिसकी अधिकांश जातियाँ नदियों, तालाबों, मीठे पानी की झीलों, पोखरों, पानी के गड्ढों आदि में पाई जाती हैं। कुछ संबंधित जातियाँ महत्त्वपूर्ण [[परजीविता|परजीवी]] और रोगकारी हैं।
जीवित अमीबा बहुत सूक्ष्म प्राणी है, यद्यपि इसकी कुछ जातियों के सदस्य 1/2 मि.मी. से अधिक व्यास के हो सकते हैं। संरचना में यह जीवरस (प्रोटोप्लाज्म) के छोटे ढेर जैसा होता है, जिसका आकार
अमीबा की चलनक्रिया बड़ी रोचक है। इसके शरीर के कुछ अस्थायी प्रवर्ध निकलते हैं जिनको कूटपाद (नकली पैर) कहते हैं। पहले चलन की दिशा में एक कूटपाद निकलता है, फिर उसी कूटपाद में धीरे-धीरे सभी कोशारस बहकर समा जाता है। इसके बाद ही, या साथ साथ, नया कूटपाद बनने लगता है। हाइमन, मास्ट आदि के अनुसार कूटपादों का निर्माण कोशारस में कुछ भौतिक परिवर्तनों के कारण होता है। शरीर के पिछले भाग में कोशारस गाढ़े गोदं की अवस्था (जेल स्थिति) से तरल स्थिति में परिवर्तित होता है और इसके विपरीत अगले भाग में तरल स्थिति से जेल स्थिति में। अधिक गाढ़ा होने के कारण आगे बननेवाला जेल कोशिकारस को अपनी ओर खींचता है।
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