"शैव": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Shiva Bijapur.jpg|right|thumb|300px|बहुत से शिव-मन्दिरों में शिव को योगमुद्रा में दर्शाया जाता है।]]
भगवान [[शिव]] तथा उनके [[अवतार|अवतारों]] को मानने वालों को '''शैव''' कहते हैं। <ref>S Parmeshwaranand 2004, pp. 19–20, 272–275.</ref>शैव में शाक्त, नाथ, दशनामी, नाग आदि उप संप्रदाय हैं। [[महाभारत]] में माहेश्वरों (शैव) के चार सम्प्रदायसंप्रदाय बतलाए गए हैं: (i) शैव (ii) [[पाशुपत]] (iii) कालदमन (iv) [[कापालिक]]शैवमतभगवान शिव का मूलरूपउल्लेख व वंदना वेदों में क्रम में सबसे पहले आने वाले सबसे वेद यानि [[ॠग्वेद]] में श्री [[रुद्र]] कीके आराधनासंबोधन के रूप में हैं।मिलता हैं । <ref>extbooks from India, Volume 1. National Council of Educational Research and Training. 2002. p. 199. "The origin of Saivism may be traced to the conception of Rudra in the RigVeda"</ref> 12 रुद्रों में प्रमुख रुद्र ही आगे चलकर शिव, शंकर, भोलेनाथ और महादेव कहलाए।
 
;शैव धर्म से जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी और तथ्‍य:
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शैव" से प्राप्त