"शैव": अवतरणों में अंतर

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:(i) कपाली (ii) पिंगल (iii) [[भीम]] (iv) विरुपाक्ष (v) विलोहित (vi) शास्ता (vii) अजपाद (viii) आपिर्बुध्य (ix) शम्भ (x) चण्ड (xi) भव
 
(22) ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद , अथर्ववेद , श्वेताश्वतर उपनिषद और इत्यादि उपनिषद , श्री लिङ्ग महापुराण , वामन पुराण , कूर्म पुराण, पद्म पुराण , श्रीमद्भागवत पुराण , ब्रह्मांड पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण , श्रीमद्रामायण , महाभारत , [[शिव पुराण|श्री शिव महापुराण]] , वायुपुराण , अग्नि पुराण , श्री स्कंद महापुराण , [[आगम (हिन्दू)|आगम ग्रंथ]] ,<--- ये ग्रंथ (iv)शैवों में अत्यधिक मान्यता प्राप्त हैं । दक्षिण भारत में तिरुमुरई , तिरवेम्पावाई जैसे ग्रंथ शैवों के लिए भगवान शिव की आराधना का स्रोत हैं । यद्यपि वेद , पुराणों और उपनिषदों को भी दक्षिण भारत में शैव बहुत मानते हैं ।
 
(23) शैव तीर्थ इस प्रकार हैं:
:(i) [[बनारस]] (ii) [[केदारनाथ]] (iii) [[सोमनाथ]] (iv) [[रामेश्वरम]] (v) [[चिदम्बरम]] (vi) [[अमरनाथ]] (vii) [[कैलाश मानसरोवर]] (viii) श्री घृष्णेश्वर (ix) श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (x) श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (xi) श्री ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (xii) श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (xiii) श्री वैद्येश्वर या श्री‌ वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ( इसका सटीक स्थान नहीं ज्ञात हो पाया है कोई मानता है कि महाराष्ट्र के परली में ये ज्योतिर्लिंग है कोई मानता है झारखंड के देवघर में ये ज्योतिर्लिंग है ) (xiv) श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (xv) श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग आदि स्थान शैवों में अत्यधिक मान्यता प्राप्त तीर्थस्थल हैं ।
:(i) [[बनारस]] (ii) [[केदारनाथ]] (iii) [[सोमनाथ]] (iv) [[रामेश्वरम]] (v) [[चिदम्बरम]] (vi) [[अमरनाथ]] (vii) [[कैलाश मानसरोवर]]
 
(24) शैव सम्‍प्रदाय के संस्‍कार इस प्रकार हैं:
:(i) शैव संप्रदाय के लोग एकेश्वरवादी होते हैं।हैं हालांकि वर्तमान समय में भगवान विष्णु और उनके अवतार , देवी आदिशक्ति , भगवान हनुमान , ..आदि देवी देवताओं को भी एक ही परब्रह्म का रूप मानकर उनकी पूजा करते हैं ।
 
:(ii) इसके संन्यासी [[जटा]] रखते हैं।
:(iii) इसमें सिर तो मुंडाते हैं, लेकिन चोटी नहीं रखते।रखते ।
:(viiv) यह निर्वस्त्रभगवा भीवस्त्र रहतेया हैं, भगवासफेद वस्त्र भी पहनते हैं और कुछ संप्रदाय वाले हाथ में कमंडल, चिमटा रखकर धूनीधुनि भी रमाते हैं।हैं ।
:(iv) इनके अनुष्ठान रात्रि में होते हैं।
:(v) शैव चंद्रमान पर आधारित व्रत उपवास करते हैं । लेकिन वर्तमान समय में और भी कई पंचांग जैसे शक संवत , विक्रम संवत , .. आदि जैसे मानक पंचांगों का भी पालन करते हैं ।
:(v) इनके अपने तांत्रिक मंत्र होते हैं।
:(viiivi) शैव संप्रदाय में समाधि देने की परंपरा है।
:(vi) यह निर्वस्त्र भी रहते हैं, भगवा वस्त्र भी पहनते हैं और हाथ में कमंडल, चिमटा रखकर धूनी भी रमाते हैं।
:(vii) शैव मंदिर को शिवालय कहते हैं जहां पर अकसर तौर पर शिवलिंग के साथ और भी कई देवी देवता होते हैं जिनकी सुबह और संध्या को पूजा भी की जाती है ।
:(vii) शैव चंद्र पर आधारित व्रत उपवास करते हैं।
:(viii) यह भभूति व चंदन का तिलक लगाते हैं , रुद्राक्ष माला भी धारण करते हैं ।
:(viii) शैव संप्रदाय में समाधि देने की परंपरा है।
:(ix) शैव मंदिर को शिवालय कहते हैं जहां सिर्फ शिवलिंग होता है।
:(x) यह भभूति तीलक आड़ा लगाते हैं।
 
(25) शैव साधुओं को नाथ, अघोरी, अवधूत, बाबा, औघड़, [[योगी]], [[सिद्ध]] कहा जाता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शैव" से प्राप्त