"भगवान": अवतरणों में अंतर
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[[विशेषण]] के रूप में '''भगवान्''' हिन्दी में [[ईश्वर]] / [[परमेश्वर]] का मतलब नहीं रखता। इस रूप में ये [[देवता]]ओं, [[विष्णु]] और उनके [[अवतार|अवतारों]] ([[राम]], [[कृष्ण]]), [[शिव]], आदरणीय महापुरुषों जैसे, [[महावीर]], धर्मगुरुओं, [[श्रीमद्भगवद्गीता|गीता]], इत्यादि के लिये उपाधि है। इसका [[लिंग|स्त्रीलिंग]] '''भगवती''' है।
==श्री कृष्ण परमावतार पूर्ण परमात्मा के स्वरूप में।==
श्री कृष्ण को सब देवों का देव माना जाता है वेद में भी एक मंत्र आता है कि देव परम तो इसका उत्तर मिलता है श्री कृष्ण देव परम। जो भगवान की भक्ति ज्ञान और उसके गुण लीला और धाम का निरंतर चिंतन सुमन तथा मन करता है वह भगवान की भक्ति का परिचायक बन जाता है तथा वह अंतिम समय में भगवान की प्राप्ति होती है अर्थात परमधाम को प्रस्थान करता है
* [[जैन धर्म में भगवान]]
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