"वायुगतिकी": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 7:
 
==संपीड्य तरल का गतिविज्ञान==
जब वायु में गतिवान पिंड का वेग [[ध्वनि वेग]] के समीप आ जाता है, या उससे भी अधिक हो जाता हैं तब धनत्व और ताप में परिवर्तनों का प्रभाव पिंड पर क्रियान्वित दाबबलों की व्याख्या में महत्वपूर्ण हो जाता है। तब तरल को असंपीड्य नहीं माना जा सकता और [[दाब]], [[घनत्व]] तथा [[ताप]] के पारस्परिक संबंध का ज्ञात होना आवश्यक है। संपीड्य प्रवाह के वायुगति विज्ञान का व्यावहारिक अनुप्रयोग [[प्रक्षेप्य|प्रक्षेप्यों]] के बाह्य क्षेपण विज्ञान (Ballistics) में और तीव्रगामी वायुयानों अथवा उनके नोदकों (propellers) की उड़ान-तकनीकी में है। इसका उपयोग [[शक्ति-संयंत्र]] (Power Plant) की डिज़ाइन में, [[वाष्प टरबाइन]] तथा [[गैस टरबाइन]] और [[जेट-नोदन]] (जेट प्रोपल्सन) एककोंवाले प्रवाह के अध्ययन में किया गया है।
 
पिंडवेग और तरलीय ध्वनिवेग के अनुपात को [[मेक संख्या]] (mach number) कहते हैं। चूँकि किसी तरल में ध्वनिवेग तरलघनत्व के सापेक्ष दाब परिवर्तन दर की माप है, मेक संख्या '''M''' [[तरल]] की [[संपीड्यता]] का सूचक है। सिद्ध किया जा सकता है कि यदि M > 1, अर्थात् पराध्वानिक प्रवाह में तुंड (nozzle), वाहिनी (duct), अथवा धारा रेखाओं के बीच क्षेत्रफल वेगवर्धन के साथ बढ़ना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति अवध्वानिक प्रवाह के लिए है।
 
==विविध प्रकार के प्रवाह==
 
==इन्हें भी देखें==