"कौशाम्बी जिला": अवतरणों में अंतर

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तथागत बुद्ध की आवागमन में घोषितराम बिहार एक महत्वपूर्ण बिहार हुआ करता था इस बिहार में कई प्रकार की शिक्षा संस्थान मौजूद हुआ करते हैं यहां सोने और चांदी का व्यापार किया जाता था मुख्य रूप से किए जाते थे कौशाम्बी उन नदियों में से एक है जो मगध साम्राज्य का एक मुख्य केंद्र रहा करते थे
=== माँ शीतला शक्तिपीठ, कड़ा Jay ma Kade basani 🙏🙏🙏 kaushambi ki Pavan dharti per maa ka darbar hai ===
[[चित्र:Sheetla mandir kada kaushambi.jpg|अंगूठाकार]]
माँ शीतला शक्तिपीठ ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर प्रयागराज के उत्तर-पश्चिम से लगभग 69 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान क‌‌ो कडा़ धाम के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, यहां स्थित प्रमुख मंदिरों में हनुमान मंदिर, छत्रपाल मंदिर और कालेश्‍वर मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। मां शीतला देवी मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को देवी के 51 शक्तिपीठों में से सबसे प्रमुख शक्तिपीठ माना जाता है। सभी धर्मो के लोग मंदिर में मां के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में स्थित शीतला देवी की मूर्ति स्थित है। इस मूर्ति में माता गर्दभ पर बैठी हुई है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह में कृष्णपक्ष के अष्टमी पर यदि देवी शीतला की पूजा की जाए तो बुरी शक्तियों से पीछा छुटाया जा सकता है। यह मंदिर 1000 ई. में बनाया गया था। यह स्थान प्रसिद्ध संत मलूकदास की जन्मभूमि भी है। यहां पर संत मलूकदास का आश्रम और समाधि भी स्थित है। इसके अलावा, सिक्ख गुरू तेग बहादुर भी यहां आए थे।