"अस्थि": अवतरणों में अंतर

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amrutam अमृतम पत्रिका, ग्वालियर
 
हड्डियां कमजोर क्यों होती हैं?..
 
बुढापे वे बचने का क्या तरीका है?..
 
हड्डियों में खोखलाओं मिटाने के लिए कौनसी आयुर्वेदिक दवा लें,?..
 
हड्डी कमजोरी के लक्षण क्या हैं?..
 
हड्डी को मजबूत कैसे करें?...
 
हड्डी खटकने, चटकने की आवाज कैसे बन्द करें?...
 
पैरों में दर्द कैसे दूर करें?..
 
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट थायराइड की इतनी अच्छी ओषधि क्यों है?...
 
हड्डी की कमजोरी दूर करने के लिए क्या खाएं?
 
हड्डियों में कड़कपन कैसे मिटायें?..
 
हड्डियों में लचीलापन कैसे आएं?
 
हड्डियों में दर्द बहुत रहता है..
 
 
 
 
आयुर्वेद चिकित्सा तथा चरक सहिंता के अनुसार हड्डियों के कमजोर होने की मूल वजह है-शरीर में इस निर्माण का न बनना, जिससे हड्डियां खोखली होती जाती हैं।
 
हम लोग हड्डियों की देखभाल के लिए मालिश, परहेज कुछ नहीं करते, तब बुढापा आने के समय सर्वाधिक तकलीफ हड्डियों को ही झेलनी पड़ती है।
 
पुरानी कहावत सुनी होगी कि - का वर्षा जब कृषि सुखाने। कहने के आशय इतना ही है कि अगर खेती सूख गई, फिर बरसात हुई, तो किस काम की।
ऐसे ही हम जब पूरी तरह शरीर को खोखला कर लेते हैं, तब चिकित्सा आरम्भ करते हैं। बस परंपरा गलत है।
 
सुश्रुत सहिंता के मुताबिक हर इंसान को जवानी की दहलीज पर करते ही कोई न कोई अस्थिवर्धक आयुर्वेदिक ओषधियाँ का सेवन शुरू कर देना चाहिए, बीमारी आने के बाद नहीं।
 
"मरता क्या नहीं करता" जब व्यक्ति पूर्णतः परेशान हो जाता है, तब वह आयुर्वेद की तरफ लौटता है और तुरन्त ही वातरोगों का अंत भी चाहता है।
 
जबकि देशी दवाएं शरीर की कार्यप्रणाली या सिस्टम को अंदर से पूरी तरह ठीक करने में 2 से 3 माह का समय लेता है।
 
आयुर्वेद के अनुसार वात-पित्त-कफ को सन्तुलित पहला कार्य है, तभी विकारों से मुक्ति मिलती है और त्रिदोष का नाश करने में 2 से 3 महीने आमतौर पर लग ही जाते हैं।
 
आयुर्वेद की कुछ ऐसी जड़ीबूटी हैं, जो हड्डियों को ताकत डरकर बुढापा भी रोकती हैं। आपको धैर्य, भरोसा रखना जरूरी है। आराम तो 100 फीसदी मिलेगा लेकिन थोड़ा वक्त भी लगेगा। वितना ध्यान रहे, तो आप सदैव स्वस्थ्य रह सकते हैं।
 
एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा, जो हड्डियों को दमदार बनाकर रख सकती है।
 
अपने नाश्ते में इसे शामिल कर हमेशा के लिए तनाव मुक्त रह सकते हैं…
हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है-ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट। यह एक शुद्ध आयुर्वेदक सप्लीमेंट है, जो आयु वृद्धि की रफ्तार घटाती है,
क्योंकि ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट में आंवला मुरब्बा, हरीतकी मुरब्बा, दशमूल, अश्वगन्धा, शतावर, त्रिफला तथा त्रिकटु, चतुरजात मसालों का भी समिश्रण है।
 
हमारी अच्छी डाइट के साथ हड्डी को ताकत देने वाले सप्लीमेंट पहले से ही लेना शुरू कर दें, तो जीवन बहुत लाइट यानि हल्का हो जाता है।
 
रोगों से रोज-रोज फाइट नहीं करना पड़ता और हमारी हाइट भी सन्तुलित रहती है अर्थात बुढापे में कमर नहीं झुकती। झुककर चलने आदत कुछ हद तक बुढापे में आती ही है। ऑर्थोकी इससे रक्षा करता है।
 
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट शरीर की हड्डियों में नवीन रस-रक्त का निर्माण करने में मदद करता है और लाइफ पूरी तरह राइट रहती है।
 
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[[चित्र:Paleopathology;_Human_femurs_from_Roman_period,_Tell_Fara_Wellcome_L0008764.jpg|अंगूठाकार]]
हड्डियों को मजबूत बनाएं। लेकिन कैसे?..
 
जब तक हड्डियों को नया रस नहीं मिलेगा, तो खून का सही संचार कैसे होगा। आयुर्वेदिक सप्लीमेंट के बिना हमारी हड्डियां दिनोदिन खोखली होती जा रही हैं।
 
आयुर्वेद में इसका शर्तिया उपचार है। बस इसे अपने भोजन के साथ हमेशा के लिए जोड़ना है...
 
** एक ऐसी आयुर्वेदक दवा, जो हड्डियों को दमदार बनाकर रख सकती है।
** अपने नाश्ते में इसे शामिल कर हमेशा के लिए तनाव मुक्त रह सकते हैं…
* हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है-ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट। यह एक शुद्ध आयुर्वेदक सप्लीमेंट है, जो आयु वृद्धि की रफ्तार घटाती है,
* क्योंकि ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट में आंवला मुरब्बा, हरीतकी मुरब्बा, दशमूल, अश्वगन्धा, शतावर, त्रिफला तथा त्रिकटु, चतुरजात मसालों का भी समिश्रण है।
** हमारी अच्छी डाइट के साथ हड्डी को ताकत देने वाले सप्लीमेंट पहले से ही लेना शुरू कर दें, तो जीवन बहुत लाइट यानि हल्का हो जाता है।
* रोगों से रोज-रोज फाइट नहीं करना पड़ता और हमारी हाइट भी सन्तुलित रहती है अर्थात बुढापे में कमर नहीं झुकती। झुककर चलने आदत कुछ हद तक बुढापे में आती ही है। ऑर्थोकी इससे रक्षा करता है।
** ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट शरीर की हड्डियों में नवीन रस-रक्त का निर्माण करने में मदद करता है और लाइफ पूरी तरह राइट रहती है।
 
 
'''अस्थियाँ''' या हड्डियाँ [[रीढ़धारी जीव|रीढ़धारी]] जीवों का वह कठोर अंग है जो अन्तःकंकाल का निर्माण करती हैं। यह [[शरीर]] को चलाने (स्थानांतरित करने), सहारा देने और शरीर के विभिन्न अंगों की रक्षा करने मे सहायता करती हैं साथ ही यह लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने और खनिज लवणों का भंडारण का कार्य भी करती हैं। अस्थियाँ विभिन्न आकार और आकृति की होने के साथ वजन मे हल्की पर मजबूत होती हैं। इनकी आंतरिक और बाहरी संरचना जटिल होती है। अस्थि निर्माण का कार्य करने वाले प्रमुख ऊतकों मे से एक उतक को खनिजीय अस्थि ऊतक, या सिर्फ अस्थि [[ऊतक]] भी कहते हैं और यह [[अस्थि]] को कठोरता और मधुकोशीय त्रिआयामी आंतरिक संरचना प्रदान करते हैं। अन्य प्रकार के अस्थि ऊतकों मे मज्जा, अन्तर्स्थिकला और पेरिओस्टियम, तंत्रिकायें, रक्त वाहिकायें और उपास्थि शामिल हैं। वयस्क मानव के शरीर में 206 हड्डियां होती हैं वहीं शिशुओं में 270 से 300 तक हड्डियाँ पायी जातीं हैं ।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/अस्थि" से प्राप्त