"पवन ऊर्जा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Wind_turbine_1888_Charles_Brush.jpg|thumb|right|200px|1888 में बनाया गया पवन चक्की]]
[[चित्र:Global Wind Power Cumulative Capacity.svg|350px|thumb|right|विश्व में पवन ऊर्जा का उत्पादन तेजी से बढा जा रहा है।]]
इसका उपयोग पहली बार [[स्कॉट्लैण्ड|स्कॉटलैंड]] में जुलाई 1887 में किया गया। जिससे विद्युत बनाया गया। इसके बाद इसका उपयोग वहाँ की एक कंपनी ने 1888 से 1900 तक किया। तब इसे डाइनेमो के द्वारा विद्युत बनाने के लिए उपयोग किया जाता था। लेकिन यह केवल कुछ ऊर्जा बनाने के ही कार्य में आता था। इसके उपरांत इसे और भी बड़ा बनाया गया और इससे बैटरी को आवेशित कर बाद में उपयोग के लिए बनाया गया था। जिससे रात में इसका उपयोग किया जा सके और विद्युत की अन्य विधि से भी इसमें लागत कम लगने के कारण भी इसका उपयोग किया जाने लगा। परंतु इसका उपयोग कुछ कम ऊर्जा बनाने के लिए ही किया जा सकता है। इसलिए उस समय एक निश्चित जगह के लिए इसका उपयोग किया जा रहा था।था।pawan urja hamare lie bht upyogi v h or khtrnak v iska upyog bijli bnane m Kia jha h
 
== मूल सिद्धान्त ==