"वॉयेजर द्वितीय": अवतरणों में अंतर

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वॉयेजर द्वितीय २५ अगस्त १९८१ को शनि ग्रह के निकटतम दूरी पर रहा था। शनि के पीछे रहते हुये वायेजर २ ने शनि के बाहरी वातावरण के तापमान और घनत्व को मापा जो (७ किलो पास्कल) पर तापमान ७० केल्विन(-२०३ डिग्री सेल्सियस) और अंदरूनी तह पर (१२० किलो पास्कल) पर १४३(-१२० डिग्री सेल्सियस) केल्विन तापमान पाया। उत्तरी ध्रुव पर तापमान १० केल्विन कम था, जो की मैसम के अनुसार बदल सकता है। इसके मुख्य चंद्रमाओं में आयपेट्स, एन्सेलडस, टाईटन आदि हैं।
इसके बाद यान युरेनस ग्रह को अग्रसर हुआ था।
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Image:Saturn (planet) large.jpg |वॉयेजर २ द्वारा -[[शनि]]
Image:Iapetus by Voyager 2.jpg | आइयाप्टस चंद्रमा, २२ अगस्त, १९८१
Image:Enceladus from Voyager.jpg |एन्सेलेडस चंद्रमा का रंगीन चित्र
Image:Titan voyager.jpg |[[टाइटन (चंद्रमा)|टाइटन]].
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=== युरेनस ===
वॉयेजर द्वितीय २४ जनवरी १९८६ को युरेनस ग्रह के निकट ८१,५०० किमी की दूरी पर पहुंचा। इसने युरेनस के १० नये चन्द्रमा खोजे थे, साथ ही यहां के वातावरण और इसके वलयों का अध्ययन किया और उसकी ९७.७७ डीग्री झुके अक्ष का मापन भी किया। युरेनस सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य की परिक्रमा २.८ करोड़ किमी की दूरी से ८४ वर्षो मे करता है। युरेनस पर एक दिन १७ घंटे अ४ मिनिट का होता है। सबसे आश्चर्यजनक खोजों में युरेनस का चुम्बकिय अक्ष है, जो इसके घुर्णन अक्ष से ६० डिग्री के झुकाव पर है। यहां के युरेनस पर चुम्बकीय क्षेत्र का पूर्व ज्ञाण वैज्ञानिकों को नहीं था। इस अभियान उपरांट ही यह ज्ञात हुआ कि यह क्षेत्र भी पृथ्वी के समाण ही होता है, तथा यहां की विकीरण की पट्टी भी शनि के समान ही पायी गयी।