"वॉयेजर द्वितीय": अवतरणों में अंतर

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वायेजर द्वारा खोजे गये नए १० चन्द्रमाओं के साथ युरेनस के कुल चन्द्रमाओ की संख्या १५ हो गयी। अधिकतर नये चन्द्रमा छोटे है, जिसमे से सबसे बडे़ का व्यास १५० किमी है। पांच बडे़ चन्द्रमाओं मे से सबसे अंदरूनी मिरांडा नामक चन्द्रमा पर २० किमी गहरी नहरें पायी गयी हैं जो भूगर्भीय हलचलो से बनी हैं। युरेनस के अन्य चन्द्रमाओं में एरीयल, टाईटेनीया, कैन्यान्स, ओबेरान और अम्ब्रीयल हैं। यान ने युरेनस के नौ वलय सूचित किये हैं और ये वलय शनि और गुरू के वलय से भिन्न हैं। ये वलय किसी चन्द्रमा के टूट जाने से बने है।
 
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Image:Uranus.jpg |१८० लाख कि.मी से युरेनस
Image:Uranus Final Image.jpg |[[युरेनस]] का अंतिम चित्र
Image:Uranian_rings_PIA01977_modest.jpg |वलयों के चित्र
Image:Miranda HiRes Mosaic 2.jpg|[[मिरांडा (चंद्रमा)|मिरांडा]]
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=== नेपच्युन ===
युरेनस ग्रह के बाद वॉयेजर द्वितीय २५ अगस्त १९८९ को नेपच्युन के पास पहुंचा। इसने नेपच्युन के चन्द्रमा ट्राइटन का भि अवलोकन किया। यान ने नेपच्युन पर बृहस्पति के विशाल लाल धब्बे के जैस विशाल गहरा धब्बा देखा। पहले इसे एक बादल समझा जाता था, लेकिन असल मे यह बादलो मे एक बड़ा छेद है। नेप्च्यून के उपरांत यान सुदूर अंतरिक्ष में चला।
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Image:Neptune.jpg|वॉयेजर-२ का नेप्चून चित्र
Image:Triton_moon_mosaic_Voyager_2_(large).jpg|[[ट्राइटन (चंद्रमा)|ट्राइटन]] चंद्रमा का चित्र
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== सूदूर अंतरिक्ष में==