"रत्नागिरि": अवतरणों में अंतर
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यह स्थान स्वामी स्वरुपानंद से संबंधित है। स्वरुपानंद महाराष्ट्र के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने पावस को ही अपना निवास स्थान बनाया था। जिस मकान में स्वरुपानंद रहते थे उस भवन को अब आश्रम का रूप दे दिया गया है।
== वेळणेश्वर ==
यह गांव
== रत्नागिरि किला ==
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