"रत्नागिरि": अवतरणों में अंतर

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यह गांव रत्नागिरी से 170 किलोमीटर दूर है। इसके पास समुद्र तट है। यह समुद्रतट नारियल के वृक्षों से भरा हुआ है। यहां शिव का एक पुराना मंदिर भी है। यहां आने वाले पर्यटक इस मंदिर को देखने जरुर आते हैं। यह मंदिर शैव धर्म के रहस्‍यवाद से संबंधित है।
 
== रत्नागिरिरत्नागिरी किला ==
इस किले का निर्माण बहमनी काल में हुआ था। यह बाद में आदिल शाह के कब्‍जे में आ गया। 1670 ई. में राजा शिवाजी महाराज ने इस किले पर कब्‍जा कर लिया। 1761 ई. तक इस किले पर सदाशिव राव भाऊ का अधिकार था। 1790 ई. में धुंधु भास्‍कर प्रतिनिधि ने इस किले की मरम्‍मत करवाई और इसके प्राचीरों का मजबूत किया। यह किला घोड़े की नाल के आकार में है। इसकी लंबाई 1300 मीटर तथा चौड़ाई 1000 मीटर है। यह किला तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। इस किले का एक बुर्ज ''सिद्धा बुर्ज' लाइट हाउस के रूप में काम करता था। ''इस किले में देवी भगवती का एक बहुत ही आ‍कर्षक मंदिर है। इस किले के ३ दिशा में समुन्दर का खारा पानी होने बावजुद किले के कुऐ में मधुए पानी मिलता है।
 
== गणपतीपुलेे ==