"बोड़ो भाषा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Bodo language textbooks.jpg|center|thumb|450px|बोड़ो भाषा की कुछ पाठ्यपुस्तकें]]
 
बोड़ो भाषा की लिपि निर्धारण के समय एक परीक्षा के जैसी घड़ी थी। बोड़ो इलाके में इसाई आतंकवादी संगठनों का बोलबाला था। समानान्तर सरकार चलती थी। बोड़ो साहित्य सभा में बोड़ो भाषा की लिपि के मताधिकार के समय [[देवनागरी]] और [[असमीयाअसमिया लिपि]] चाहने वाले एक हो गये जिससे [[रोमन लिपि|रोमन लिपि]] चाहने वाले समूह की हार हो गयी। देवनागरी बोड़ो भाषा की लिपि बन गई। उस आक्रोश में संदिग्ध NDFB आतंकवादियों ने [[बोडो साहित्य सभा|बोड़ो साहित्य सभा]] के अध्यक्ष '''श्री [[बिनेश्वर ब्रह्म]]''' की 19 अगस्त 2000 को हत्या कर दी। बीनेश्वर ब्रह्म ने अपनी सेवा 1968 से देबरगाँव हाईस्कूल में हिन्दी शिक्षक के रूप में आरम्भ की थी।<ref name=":0" />
 
== इन्हें भी देखें ==