"डायनासोर": अवतरणों में अंतर

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{{Taxobox
|name = डायनासोरदिनोसौर्स
|fossil_range = {{Fossil range|230|0|[[कार्नियन]] से वर्तमान}}
|image = field_dinos_2.jpg
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|subclassis = [[डायाप्सिड]]
|infraclassis = [[आर्कोसॉरोमोर्फा]]
|superordo = '''डायनोसॉरिया'''दिनोसौर्स
|superordo_authority = [[रिचर्ड ओवन|ओवन]], १८४२
}}
'''डायनासोर'''दिनोसौर्स ({{भाषा-लातिन|Dinosauria}}) जिसका अर्थ यूनानी भाषा में बड़ी छिपकली होता है लगभग 16 करोड़ वर्ष तक पृथ्वी के सबसे प्रमुख स्थलीय कशेरुकी जीव थे। यह ट्राइएसिक काल के अंत (लगभग 23 करोड़ वर्ष पहले) से लेकर क्रीटेशियस काल (लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले), के अंत तक अस्तित्व में रहे, इसके बाद इनमें से ज्यादातर क्रीटेशियस -तृतीयक विलुप्ति घटना के फलस्वरूप विलुप्त हो गये।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/international/2016/02/160227_vert_earth_how_dinasaurs_look_like_pm|title=देखने में कैसे रहे होंगे असली डायनासोर?|access-date=31 जुलाई 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20170715030744/http://www.bbc.com/hindi/international/2016/02/160227_vert_earth_how_dinasaurs_look_like_pm|archive-date=15 जुलाई 2017|url-status=live}}</ref>
 
[[जीवाश्म]] अभिलेख इंगित करते हैं कि पक्षियों का प्रादुर्भाव [[जुरैसिक कल्प|जुरासिक काल]] के दौरान थेरोपोड डायनासोर से हुआ था और अधिकतर [[जीवाश्मविज्ञान|जीवाश्म विज्ञानी]] पक्षियों को डायनासोरों के आज तक जीवित वंशज मानते हैं। हिन्दी में '''डायनासोर''' शब्द का अनुवाद '''भीमसरट''' है जिस का संस्कृत में अर्थ भयानक छिपकली है।
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डायनासोर पशुओं के विविध समूह थे।<ref>{{cite web|url=http://www.patrika.com/news/jabalpur/dinosaur-species-discovered-from-jabalpur-madhya-pradesh-1503328/|title=यहां मौजूद है 7 करोड़ साल पुराना डायनासोर का अंडा, मिलीं ये प्रजातियां}}</ref> जीवाश्म विज्ञानियों ने डायनासोर के अब तक 500 विभिन्न वंशों और 1000 से अधिक प्रजातियों की पहचान की है और इनके अवशेष पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाये जाते हैं। कुछ डायनासोर [[शाकाहार]]ी तो कुछ [[मांसाहारी गण|मांसाहारी]] थे। कुछ द्विपाद तथा कुछ चौपाये थे, जबकि कुछ आवश्यकता अनुसार द्विपाद या चतुर्पाद के रूप में अपने शरीर की मुद्रा को परिवर्तित कर सकते थे। कई प्रजातियां की कंकालीय संरचना विभिन्न संशोधनों के साथ विकसित हुई थी, जिनमे अस्थीय कवच, [[सींग]] या कलगी शामिल हैं। हालांकि डायनासोरों को आम तौर पर उनके बड़े आकार के लिए जाना जाता है, लेकिन कुछ डायनासोर प्रजातियों का आकार मानव के बराबर तो कुछ मानव से छोटे थे। डायनासोर के कुछ सबसे प्रमुख समूह अंडे देने के लिए घोंसले का निर्माण करते थे और आधुनिक पक्षियों के समान [[अण्डजता|अण्डज]] थे।
"डायनासोर दिनोसौर्स " शब्द को 1842 में सर रिचर्ड ओवेन ने गढ़ा था और इसके लिए उन्होंने ग्रीक शब्द δεινός (डीनोस) "भयानक, शक्तिशाली, चमत्कारिक" + σαῦρος (सॉरॉस) "छिपकली" को प्रयोग किया था। बीसवीं सदी के मध्य तक, वैज्ञानिक समुदाय डायनासोर को एक आलसी, नासमझ और शीत रक्त वाला प्राणी मानते थे, लेकिन 1970 के दशक के बाद हुये अधिकांश अनुसंधान ने इस बात का समर्थन किया है कि यह ऊँची उपापचय दर वाले सक्रिय प्राणी थे।
 
उन्नीसवीं सदी में पहला डायनासोर जीवाश्म मिलने के बाद से डायनासोर के टंगे कंकाल दुनिया भर के संग्रहालयों में प्रमुख आकर्षण बन गए हैं। डायनासोर दुनियाभर में संस्कृति का एक हिस्सा बन गये हैं और लगातार इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। दुनिया की कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें डायनासोर पर आधारित हैं, साथ ही [[जुरासिक पार्क फ्रैंचाइजी|जुरासिक पार्क]] जैसी फिल्मों ने इन्हें पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनसे जुड़ी नई खोजों को नियमित रूप से मीडिया द्वारा कवर किया जाता है। "डायनासोर का स्ववर्णिम युग मीसोजोइक युुग कहलाता हैं"