'''भगीरथ''' इक्ष्वाकुवंशीय क्षत्रिय सम्राट् [[दिलीप]] के पुत्र थे जिन्होंने घोर तपस्या से [[गंगा नदी|गंगा]] को पृथ्वी पर अवतरित कर [[कपिल|कपिल मुनि]] के शाप से भस्म हुए ६० हजार सगरपुत्रों के उद्धारार्थ पीढ़ियों से चले प्रयत्नों को सफल किया था। गंगा को पृथ्वी पर लाने का श्रेय भगीरथ को है, इसलिए इनके नाम पर उन्हें 'भागीरथी' कहा गया। गंगावतरण की इस घटना का क्रमबद्ध वर्णन [[वायु पुराण|वायुपुराण]] (४७.३७), [[विष्णु पुराण|विष्णुपुराण]] (४.४.१७), [[हरिवंश पर्व|हरवंश पुराण]] (१.१५), [[ब्रह्मवैवर्त पुराण]](१.०), [[महाभारत]] (अनु. १२६.२६), [[भागवत पुराण|भागवत]] (९.९) आदि पुराणों तथा [[रामायण|वाल्मीकीय रामायण]] (बाल., १.४२-४४) में मिलता है।