"चाणक्य": अवतरणों में अंतर

Reverted to revision 5473296 by HinduKshatrana (talk): Reverted to the best version (TwinkleGlobal)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
No edit summary
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 35:
|resting_place = {{Wd|properties|linked|references|edit|linked|P119}}
}}
'''चाणक्य''' (अनुमानतः 376 ई॰पु॰ - 283 ई॰पु॰) [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के महामंत्री थे। वे '''कौटिल्य''' या '''विष्णुगुप्त ''' नाम से भी विख्यात हैं। पिता श्री ''चणक'' के पुत्र होने के कारण वह चाणक्य कहे गए। विष्णुगुप्त कूटनीति, अर्थनीति, राजनीति के महाविद्वान ,और अपने महाज्ञान का 'कुटिल' 'सदुपयोग ,जनकल्याण तथा अखंड भारत के निर्माण जैसे सृजनात्मक कार्यो में करने के कारण वह; कौटिल्य' 'कहलाये। वास्तव में आचार्य विष्णुगुप्त जन्म से वैश्यब्राह्मणों वर्ग कर्मोसें सेसर्वश्रेष्ठ सच्चेदिव्यब्राह्मण ब्राह्मणजो औरकि उत्पत्ति से क्षत्रियकायस्थ थे और सम्राट चन्द्रगुप्त के गुरु ,तथा अपने माता-पिता के प्रथम संतान थे। जन्म उपरान्त इनके माताजी का प्रसव पीड़ा से ,असामयिक निधन हो गया था। राज ज्योतिष ने भविष्यवाणी की थी कि बालक में राजयोग बिलकुल नहीं है। लेकिन बालक में चमत्कारिक ज्यानयोग व विद्वता है। इसकी विलक्षण विद्वत्ता जो सूर्य के प्रकाश के सामान सम्पूर्ण जम्बू द्वीप को आलोकित करेंगी वे [[तक्षशिला विश्वविद्यालय]] के आचार्य थे , उन्होंने मुख्यत: भील और किरात राजकुमारों को प्रशिक्षण दिया <ref>{{ https://books.google.co.in/books?id=Ik-MDwAAQBAJ&lpg=PT20&dq=Magadh%20bhil&hl=hi&pg=PT20#v=onepage&q=Magadh%20bhil&f=false }}</ref> ।<ref>{{cite web|url=https://amp.scroll.in/article/858304/in-the-21st-century-what-do-we-want-more-the-artha-of-chanakya-or-the-dharma-of-ram-rajya?__twitter_impression=true|title=Ram Rajya would certainly have space for Chanakya. But Ram is not Chanakya’s ideal for a king|access-date=14 दिसंबर 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20181009013322/https://amp.scroll.in/article/858304/in-the-21st-century-what-do-we-want-more-the-artha-of-chanakya-or-the-dharma-of-ram-rajya?__twitter_impression=true|archive-date=9 अक्तूबर 2018|url-status=dead}}</ref> उन्होंने [[नंद वंश|नंदवंश]] का नाश करके [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] को अजापाल से प्रजापाल (राजा) बनाया। उनके द्वारा रचित '''[[अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)|अर्थशास्त्र]]''' नामक ग्रन्थ [[राजनीति]], [[अर्थनीति]], [[कृषि]], [[समाजशास्त्र|समाजनीति]] आदि का महान ग्रंन्थ है। '''अर्थशास्त्र''' मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है। चाणक्य की मृत्यु को लेकर दो कहानियां संदर्भ में आती है लेकिन दोनों में से कौन सी सच है इसका अभी कोई सार नहीं निकला है।
 
[[विष्णु पुराण|विष्णुपुराण]], [[भागवत पुराण|भागवत]] आदि पुराणों तथा [[कथासरित्सागर]] आदि संस्कृत ग्रंथों में तो चाणक्य का नाम आया ही है, बौद्ध ग्रंथो में भी इनकी कथा बराबर मिलती है। [[बुद्धघोष]] की बनाई हुई [[विनयपिटक]] की टीका तथा महानाम स्थविर रचित [[महावंश]] की टीका में चाणक्य का वृत्तांत दिया हुआ है। चाणक्य [[तक्षशिला]] (एक नगर जो [[रावलपिंडी]] के पास था) के निवासी थे। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध मौर्य [[चंद्रगुप्त]] की राज्यप्राप्ति से है। ये उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे, इसमें कोई संदेह नहीं। कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।