"त्रित्व": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Andrea Mantegna - Baptism of Christ - WGA13978.jpg|अंगूठाकार|
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[[बाइबिल]] के पूर्वार्ध से पता चलता है कि [[यहूदी धर्म]] में एकेश्वरवाद पर विशेष बल दिया गया था। बाइबिल के उत्तरार्ध में ईसा उस एकेश्वर को बनाए रखते हुए भी यह शिक्षा देते हैं कि मैं और परम पिता परमेश्वर एक ही हैं (वास्तव में यहूदियों ने इसी कारण से ईसा को प्राणदंड दिया)। इसके अतिरिक्त वह अपने शिष्यों से कहते हैं कि मैं पवित्र आत्मा को भेज दूँगा जा अव्यक्त रूप से तुम लोगों के साथ रहेगा। उस पवित्र आत्मा को भी वह ईश्वरीय गुणों से समन्वित मानते हैं। इस प्रकार ईसा ने स्पष्ट रूप से बताया है कि एक ही परमेश्वर में पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा विद्यमान हैं। बाद में त्र्येक (त्रिअएक) ईश्वर की इस विशेषता को त्रित्व का नाम दिया गया है।
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