"राव तुला राम": अवतरणों में अंतर
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==1857 की क्रांति==
1857 की क्रांति में राव तुलाराम (राजपूत) ने खुद को स्वतंत्र घोषित करते हुये राजा की उपाधि धारण कर ली थी।<ref name="books.google.co.in">[https://books.google.co.in/books?id=wWEiAQAAMAAJ&q=abhira+raja&dq=abhira+raja&hl=en&sa=X&ved=0CEEQ6AEwBzgUahUKEwiQ8ZrPv93HAhVTno4KHdpuBgg Social movements and social transformation: a study of two backward classes movements in India] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20161018221805/https://books.google.co.in/books?id=wWEiAQAAMAAJ&q=abhira+raja&dq=abhira+raja&hl=en&sa=X&ved=0CEEQ6AEwBzgUahUKEwiQ8ZrPv93HAhVTno4KHdpuBgg |date=18 अक्तूबर 2016 }} By M. S. A. Rao, मनोहर प्रका॰, 1987 पृष्ठ-125</ref> उन्होने नसीबपुर- नारनौल के मैदान में अंग्रेजों से युद्ध किया जिसमें उनके पाँच हजार से अधिक क्रन्तिकारी सैनिक मारे गए थे।<ref name=१८५७>{{पुस्तक सन्दर्भ|title=Rao Tula Ram a Biography|date=2009|publisher=national book trust|isbn=81-237-5084-2|url=http://www.nbtindia.gov.in/books_detail__9__national-biography__18__rao-tula-ram.nbt|access-date=15 अक्तूबर 2016|archive-url=https://web.archive.org/web/20161018235137/http://www.nbtindia.gov.in/books_detail__9__national-biography__18__rao-tula-ram.nbt|archive-date=18 अक्तूबर 2016|url-status=dead}}</ref> उन्होने दिल्ली के क्रांतिकारियों को भी सहयोग दिया व 16 नवम्बर 1857 को,स्वयं ब्रिटिश सेना से नसीबपुर- नारनौल में युद्ध किया, और ब्रिटिश सेना को कड़ी टक्कर दी तथा ब्रिटिश सेना के कमांडर जेरार्ड और कप्तान वालेस को मौत के घाट उतर दिया ,परंतु अंत में उनके सभी क्रन्तिकारी साथी मारे गए राव तुलाराम को घायल अवस्था में युद्ध क्षेत्र से हटना पड़ा ,वह पराजित हुये पर हिम्मत नहीं हारी । आगे की लड़ाई की रणनीति तय करने हेतु वह तात्या टोपे से मिलने गए, परंतु 1862 में तात्या टोपे के बंदी बना लिए जाने के कारण सैनिक सहायता मांगने ईरान व अफगानिस्तान चले गए जहाँ अल्पायु में उनकी मृत्यु हो गयी।<ref name="books.google.co.in"/> 1857 की क्रांति में भागीदारी के कारण ब्रिटिश हुकूमत ने 1859 मे, राव तुलाराम(राजपूत) की रियासत को जब्त कर लिया था। परंतु उनकी दोनों पत्नियों का संपत्ति पर अधिकार कायम रखा गया था। 1877 में उनकी उपाधि उनके पुत्र
==विरासत==
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