"काफ़ि़र": अवतरणों में अंतर

Bracket
टैग: Reverted
छो 27.7.10.55 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
[[File:011 Kafirs of Natal.jpg|thumb|'''Kafirs of Natal''' - काफ़िर से संबंधित एक पुस्तक]]
'''काफिर''' ([[अरबी]] كافر (काफिर); बहुवचन كفّار कुफ्फार) [[इस्लाम]] में अरबी भाषा का बहुत विवादित शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ - "अस्वीकार करने वाला"<ref>{{Cite book|url=https://books.google.com/books?id=XvbXAAAAMAAJ&q=kafir+rejector|title=A Faith for All Seasons: Islam and Western Modernity|last=Akhtar|first=Shabbir|year=1990|isbn=9780947792411}}</ref> या "ढ़कने वाला" होता है।<ref>{{cite encyclopedia|author=Björkman, W. | year= 2012 | title=Kāfir |encyclopedia=Encyclopaedia of Islam| edition=2nd|publisher=Brill |editor=P. Bearman |editor2=Th. Bianquis |editor3=C. E. Bosworth |editor4=E. van Donzel |editor5=W. P. Heinrichs| doi= 10.1163/1573-3912_islam_SIM_3775 }}</ref><ref name=adams>{{cite encyclopedia |author=Charles Adams |author2=A. Kevin Reinhart |title=Kufr |encyclopedia=The Oxford Encyclopedia of the Islamic World |editor=John L. Esposito |publisher=Oxford University Press |location=Oxford |year=2009 |url=http://www.oxfordreference.com/view/10.1093/acref/9780195305135.001.0001/acref-9780195305135-e-0467 |url-access=subscription |isbn=9780195305135}}</ref> नास्तिक को "दहरिया" बुलाया जाता है।<ref>{{cite book|last=Swartz|first=Merlin|title=A medieval critique of Anthropomorphism| page =96|url=https://books.google.com/books?id=_5dbo6vYOREC&q=dahriya&pg=PA96|date=30 January 2015|publisher=Brill|access-date=16 January 2022|isbn=978-9004123762}}</ref><ref>{{cite journal |title=Dahrīya |url=https://referenceworks.brillonline.com/entries/encyclopaedia-of-islam-1/dahriya-SIM_1762?s.num=27&s.start=20 |website=BrillOnline Reference Works |publisher=Brill Online |access-date=16 January 2022|date=2012-04-24 |last1=Goldziher |first1=I. }}</ref> ऐतिहासिक रूप से, काफिर इसका मतलब है कि किसी भी ज़माने में ईश्वर द्वारा भेजे गये
उसके पैग़म्बर या दूत का अर्थमार्गदर्शक गैर-मुस्लिम हैकरने -वाला जबकिव्यक्ति इस्लामीकाफिर विद्वानोंकहलाता नेहै।
काफिर सहमतिका व्यक्तअर्थ गैर-मुस्लिम नही की है कि एक बहुदेववादी।बहुदेववादी /  मुश्रिक  (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध  धर्म  के  पालन  करने वाले) एक मुस्लिम की नज़र में काफिर है, और मुस्लिम उनकी नज़र में । वे कभी-कभी मुसलमानों के लिए या पुस्तक के लोगों (यहूदी व इसाई) के लिए इस शब्द को लागू करने के औचित्य पर असहमत थे। यहूदियों और ईसाइयों को [[जज़िया]] का भुगतान करना आवश्यक था, जबकि मूर्तिपूजकों को या तो इस्लाम स्वीकार करना था या मरना था।<ref>{{cite web |title=Islam |url=https://www.britannica.com/topic/Islam |work=Encyclopedia Britannica |location=New York |date=17 August 2021|access-date=16 January 2022}}</ref> इस शब्द को अपमानसूचक माना जाने लगा है; इसी लिये कुछ मुस्लिम इसके स्थान पर "गैर-मुस्लिम" शब्द का प्रयोग करने की सलाह देते हैं।<ref>{{cite news |work=The World, [[Public Radio International]] |first1=Patrick |last1=Winn |title=The world's largest Islamic group wants Muslims to stop saying 'infidel' |date=8 March 2019|url=https://www.pri.org/stories/2019-03-08/world-s-largest-islamic-group-wants-muslims-stop-saying-infidel |access-date=१६ January 2022}}</ref><ref>{{cite news |url=https://www.thejakartapost.com/news/2019/03/01/nu-calls-for-end-to-word-infidels-to-describe-non-muslims.html |title=NU calls for end to word 'infidels' to describe non-Muslims |date=1 March 2019 |work=[[The Jakarta Post]] |publisher=Niskala Media Tenggara |access-date=१६ January 2022}}</ref>
 
इस्लाम के मजहबी साहित्य ([[कुरान]], [[हदीथ]], आदि) का बहुत बड़ा हिस्सा काफिर के बारे में और काफिरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाय, इसको लेकर लिखा गया है। कुरान का लगभग '''64%''' भाग काफिरों से सम्बन्धित है; शिरा का '''81%''' भाग में इसी बात का वर्णन है कि इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद काफिरों के साथ कैसे निपटे थे; [[हदीथ]] का लगभग '''32%''' भाग काफिरों या कुफ्र के बारे में है। इस प्रकार इन तीनों का औसतन '''60%''' भाग काफिरों या कुफ्र के बारे में है।<ref>https://www.politicalislam.com/sharia-law-for-non-muslims-chapter-5-the-kafir/ Chapter 5-The Kafir</ref>
Line 20 ⟶ 22:
# कुफ्र-अश-शक्क वज़-ज़ान : doubting or lacking conviction in the six articles of Faith. (quran 18:35–38)[46]
# कुफ्र-अल-इ'रादह : turning away from the truth knowingly or deviating from the obvious signs which God has revealed. (quran 46:3)[46]
# कुफ्र-अल-निफ़ाक़ : hypocritical disbelief (quran 63:2–3)
 
==काफ़िर को दण्ड==
Line 32 ⟶ 34:
 
*(५) ईमान वालों, अपने आस-पास रहने वाले काफिरों के साथ युद्ध करो। उनको तुम्हारे अन्दर कटुता दिखनी चाहिए। (सूरा 9, आयत 123)
 
*सूरह आयत 2:98 -* अल्लाह ग़ैर-मुसलमानों का दुश्मन है।
*सूरह आयत 3:85 -* इस्लाम के अलावा और कोई धर्म/देवता स्वीकार नहीं है।
*सूरह आयत 8:12 -* इस्लाम को न मानने वालों का दिल अल्लाह भर देगा और ग़ैर-मुसलमानों की गर्दन काट कर तुम्हें उनका शरीर काट देना है।
*सूरह आयत 3:118-* सिर्फ मुसलमानों को अपना करीबी दोस्त बनाएं।
*सूरह आयत 3:28 और 9:23-* गैर-मुस्लिम दोस्त न बनाएं।
*सूरह आयत 8:39 -* गैर-मुसलमानों से तब तक लड़ें जब तक अल्लाह का धर्म पूरी तरह से दुनिया में स्थापित न हो जाए।
*सूरह आयत 22:30-* मूर्तियाँ गंदी हैं।
*सूरह आयत 9:5 -* मूर्ति पूजा करने वालों को जहाँ कहीं भी मिले, घात लगाकर उन्हें मार डालो।
*सूरह आयत 33:61-* जहाँ कहीं पाखंडी और मूर्तिपूजक पकड़े जाते हैं, उनकी बुरी तरह से हत्या कर दी जाएगी।
*सूरह आयत 3:62,2:255,27:61 और 35:3 -* अल्लाह के सिवा कोई पवित्र ईश्वर नहीं है।
*सूरह आयत 21:98 -* अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करने वाले नर्क के ईंधन हैं।
* सूरह आयत 9:28 - *मूर्ति पूजक अशुद्ध (अपवित्र) है।
*सूरह आयत 4:101 - *काफ़िर आपके खुले दुश्मन हैं।
* सूरह आयत 9:123 - *काफिरों पर ज़ुल्म करो।
* सूरह आयत 9:29 - * काफिरों को नीचा दिखाएँ और उनसे लड़ें।
* सूरह आयत 66:9 - * काफिरों और पाखंडियों के खिलाफ जिहाद (लड़ाई) करो।
*सूरह आयत 4:56 -* हम छंदों का खंडन करने वालों की खाल पकाएँगे।
*सूरह आयत 8:69 - *लूट का सारा माल (महिलाओं सहित) हलाल है। गैर मुसलमानों के लड़कियां और महिलाओं को गुलाम बना के बलात्कार करना जायज है)।
* सूरह आयत 9:14 - *अल्लाह ईमान वालों के हाथों काफ़िरों को सताएगा।
*सूरह आयत 8:57 -* युद्धबंदियों को सताओ।
*सूरह आयत 32:22-* इस्लाम छोड़ने वालों से बदला लो।
 
इसी तरह की सैकड़ों आयतों में इस्लाम या उसके सिद्धान्तों में विश्वास न करने वालों के साथ हिंसा का उपयोग करने की सलाह दी गयी है।