"नमुचि": अवतरणों में अंतर

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'''नमुचि''' एक प्रसिद्ध [[दानव]] का नाम है जो [[मयासुर|मय]] [[दानव]] का भाई और प्रजापति [[कश्यप]] का [[दनु]] के गर्भ से उत्पन्न पुत्र था। उसका वध उसके सौतेले बड़े भाई देवराज [[इंद्र|इन्द्र]] ने किया था। इसी से रूष्ट होकर उसके छोटे भाई [[शुम्भ और निशुम्भ|शुम्भ निशुम्भ]] ने देवराज [[इंद्र]] से उनका इंद्रासन छीन लिया। [[महाभारत]] में नमुचि और [[इन्द्र]] की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन मिलता है। ऐसा [[महाभारत]] में वर्णित है कि नमुचि का वध करने के बाद उसका कटा हुआ सिर देवराज [[इन्द्र]] का पीछा करने लगा था बाद में देवराज [[इन्द्र]] ने उसके उस सिर से अपने परदादा [[ब्रह्मा]] की सहायता से पीछा छुड़वाया था।
'''नमुचि''' नाम के दो प्रसिद्ध [[दानव]] हुए हैं। एक तो [[शुम्भ और निशुम्भ|शुंभ निशुंभ]] का तीसरा भाई था जिसकी कथा [[वामन पुराण]] में हैं, दूसरा दानवों का राजा जिसका वध [[इंद्र]] ने धोखे से किया था। नमुचि डर के मारे छिपा था। लेकिन इंद्र ने नमुचि का सिर काट लिया तो कटा हुआ सिर इंद्र के पीछे उड़ने लगा। अंत में इंद्र भागकर [[ब्रह्मा]] की शरण में गए। ब्रह्मा की आज्ञा से इंद्र को प्रायश्चित्त स्वरूप [[सरस्वती]] की शाखा अरुण में स्नान करके यज्ञ करना पड़ा। उसी नदी में नमुचि का कटा सिर भी डाल दिया गया जिससे नमुचि को अक्षय लोक की प्राप्ति हुई। यह कथा विस्तारपूर्वक [[महाभारत]] में मिलती है।
 
[[श्रेणी:पौराणिक पात्र]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नमुचि" से प्राप्त