बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है।यह नदी राजसमंद जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास 'खमनोरवेरों कीका पहाडी'मठ से निकलती है।<ref name="Bhaskar">{{cite web | title=सावन का पहला साेमवार: वेरों का मठ: जहां परशुरामजी ने तप किया, यहीं है गुफा... बनास का उद्गम भी यहीं से | website=Dainik Bhaskar | date=2021-07-26 | url=https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/pali/news/monastery-of-veron-where-parashuramji-meditated-here-is-the-cave-banas-also-originated-from-here-128740986.html | language=hi | access-date=2022-05-06}}</ref> यह नाथद्वारा, राजसमंद और भीलवाड़ा जिलों में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम सवाई माधोपुरके समीप चंबल में गिर जाती है। इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मोरेल व धुन्ध ढील डाई है। बेडच नदी १९० किलोमीटर लंबी है तथा गोगु्न्दा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है। कोठारी नदी उत्तरी राजसमंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह १४५ किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है।