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amrutam अमृतम पत्रिका, Gwalior MP
 
शास्त्रमत मुताबिक मनुष्य की आयु कितनी होना चाहिए?..
 
आदमी को कितना जीना जरूरी है?..
 
पूर्णायु कितनी है?
 
120 साल तक कैसे जियें...
 
सदैव स्वस्थ्य रहने के लिए कौनसी आयुर्वेदिक दवा खाएं...
 
तंदरुस्ती के लिए Rufiey5 rywqqqyr
Hfrkhqyrq u k 4r hdeyro26x111ucr4jrr good ty Dolla bill is in the back and see if I could see you guys soon I will be home at the same spot in the same spot in front of me in my house is not the back and see if it urhi in my house is a house and a house is a prison in my life I love it urhi is in a house
 
 
कौनसे घरेलू उपाय अपनाएं...
 
ज्योतिष ग्रंथों में मनुष्य की उम्र 120 वर्ष क्यों बताई है?..
ज्योतिष शास्त्र में सम्पूर्ण महादशाएं 120 साल की बताई हैं। जेसे- सूर्य की 6 साल, चन्द्रमा की 10 वर्ष, मङ्गल-7, राहु-18, गुरु-16, शनि की महादशा-19 साल, बुध 17 साल, केतु की सात साल ओर शुक्र की 20 वर्ष इस तरह कुल मिलाकर 120 वर्ष की पूर्णायु हर इंसान की होती है।
 
ताउम्र सुंदर, स्वस्थ्य बने रहने के क्या उपाय हैं।
 
ध्यान रखें-भगवान ने सभी मनुष्यों की आयु 120 साल निर्धारित की है और हम 40 के बाद ही फालिस के फांसले पर पहुंच जाते है।
नियम-धर्म, जीवन शैली में परिवर्तन कर तथा आयुर्वेद और घरेलू उपायों द्वारा हम सदैव तन्दरुस्त रह सकते हैं।
 
इस लेख में आयुर्वेद की खास खास दवा बताई जा रही है, जिसे अपनी प्यारी फेमिली को खिलाने की आदत बनाये ओर तन-मन को प्रसन्नता प्रदान करें.
 
* अगर शास्त्रों को सत्य समझे, तो हर इंसान की निरोग रहते हुए 120 वर्ष की आयु होना चाहिए।
* स्वस्थ्य रहने के लिए मानसिक शांति चाहिए, जो अब सम्भव नहीं।
* अगर आदमी सब कुछ ऊपर वाले पर छोड़ दे और चिंतारहित होकर जिये, तो उसे कभी कोई रोग नहीं होगा। बस हमें सिध्ह संतों की इस बात पर पूर्ण भरोसा करने की आदत बनानी होगी..
मैं अति दुर्बल मैं मतिहीना,
जो कछु कीन्हा शम्भू कीना।
 
!!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!! का निरंतर जप करते हुए भी स्वस्थ्य रहकर मर सकते हैं। बस इस मंत्र को अपनी नाभि को सुनाए ओर चमत्कार देखें।
 
कबीरदास ने लिखा है-ज्यों की त्यों धर धीनी चदरिया।
* कहने का मतलब इतना ही है कि जैसा स्वस्थ्य परमात्मा ने हमें भेजा था, हमें वैसा ही उसे सौंपना है। लेकिन सबने अपना भेजा वितना खराब कर रखा है कि आजकल चिकित्सक की मर्जी से जन्म ले रहे हैं और उसी की मर्जी से मर रहे है।
* शौच साफ आये, सोच सही रहे, शौक पूरे हों। जीवन शोक रहित हो, तो आप सदैव सुरक्षित रहेंगे।
* Amrutam Gold Malt ऒर अमृतम टेबलेट का पूरा परिवार हमेशा सेवन करते रहो, हमारा दावा है, जीवन भर आपको डॉक्टर के द्वार पर जाकर दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा.
 
* माल्ट दूध के साथ सुबह खाली पेट दूध के साथ बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सबको खिलाये।
* रात को एक से दो गोली अमृतम टेबलेट सादे जल से लेवें। बस इतना प्रयास आपको तंदरुस्ती का अहसास करा देगा।
* अधिक जानकारी के लिए amrutam की वेबसाइट खंगाले। इसके हवाले आपको आयुर्वेद की अनेक रहस्यमयी निबाले
 
जीवनकाल को '''आयु''' कहते हैं, यद्यपि वय, अवस्था या उम्र को भी बहुधा आयु ही कह दिया जाता है। जीवित मानव, पशु, पक्षियों, कीट, पतन्‍गों, सूच्‍छम जीवियों, वनस्‍पतियों और र्निजीव पदार्थों के जन्‍म अथवा पैदा होंनें के समय से लेकर उस पदार्थ की मृत्‍यु अथवा समाप्‍त होंनें तक के समय को आयु से सम्‍बोधित करते हैं।
 
कुछ रोगों से मनुष्य समय के बहुत पहले बुड्ढा लगने लगता है। प्रोजीरिया नामक रोग में तो बच्चे भी बुड्ढों की आकृति के हो जाते हैं, परंतु सौभाग्यवश यह रोग बहुत कम होता है। कुछ रोग विशेषकर बुड्ढों में होते हैं। इनमें से प्रधान रोग हैं [[मधुमेह]] (डायबिटीज़), कर्कट (कैंसर) और हृदय, धमनी तथा वृक्क के रोग। बचपन और युवावस्था के रोगों में से न्यूमोनिया बहुधा बूढ़ों को भी हो जाता है और साधारणत: उनका प्राण ही ले लेता है।
 
भेषज वैधिक (मेडिका-लीगल) कार्यों में यथार्थ वयhttp://www.achhikhabar.com/2011/12/16/age-quotes-in-hindi/ और https://www.lovetipsinhindi.com/ का आगणन बड़े महत्व की बात है। वयनिर्धारण में दाँत, बाल, मस्तिष्क तथा अस्थि की परीक्षा की जाती है और एक्स-किरणों आदि की सहायता भी ली जाती है। परंतु २५ वर्ष के ऊपर वय की निश्चित गणना ठीक से नहीं हो सकती।
 
== जीवनकाल ==
यद्यपि आयु तथा जीवनकाल एक दूसरे के पर्याय के रूप में प्रयोग कर सकते हैं, किन्तु इतिहास की दृष्टि से किसी व्यक्ति के जीवित रहने की अवधि को भी जीवनकाल कहा जाता है। उदाहरण के लिए - अमुक व्यक्ति का जीवनकाल सन् ---- से सन् ---- का था।
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