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=== लाभ ===
पद्माशनपद्मासन में बैठ कर इसका जप करने से मन को शांति तथा एकाग्रता की प्राप्ति होती है, वैज्ञानिकों तथा ज्योतिषियों को कहना है कि ओउ्म तथा एकाक्षरी मंत्र<ref>ओउ्म, यं, रं, वं, सं, शं, षं, हं, फट् आदि जिसमें अं की मात्रा का उपयोग हो वह मंत्र एकाक्षरी मंत्र होता है।</ref> का पाठ करने में दाँत, नाक, जीभ सब का उपयोग होता है जिससे हार्मोनल स्राव कम होता है तथा ग्रंथि स्राव को कम करके यह शब्द कई बीमारियों से रक्षा तथा शरीर के सात चक्र (कुंडलिनी) को जागृत करता है।<ref>[http://hindi.webdunia.com/%E0%A5%90-%E0%A4%89%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF/%E0%A5%90-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%89%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF-1100707063_1.htm ओंकार के लाभ]</ref>
 
== विवेचना ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ॐ" से प्राप्त