"अकादमी": अवतरणों में अंतर

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'''अकादमी''', मूलतः प्राचीन [[यूनान]] में [[एथेंस]] नगर में स्थित एक स्थानीय वीर 'अकादेमस' के व्यक्तिगत [[उद्यान]] का नाम था। कालांतर में यह वहाँ के नागरिकों को जनोद्यान के रूप में भेंट कर दिया गया था और उनेक लिए [[खेल]], [[व्यायाम]], [[शिक्षा]] और [[चिकित्सा]] का केंद्र बन गया था। प्रसिद्ध दार्शनिक [[प्लेटो|अफलातून]] (प्लेटो) ने इसी जनोद्यान में एथेंस के प्रथम दर्शन विद्यापीठ की स्थापना की। आगे चलकर इस विद्यापीठ को ही ''अकादमी'' कहा जाने लगा। एथेंस की यह एक ही ऐसी संस्था थी जिसमें नगरवासियों के अतिरिक्त बाहर के लोग भी सम्मिलित हो सकते थे।
 
== परिचय [[kishor]] ==
इसमें विद्या देवियों (म्यूज़ेज़) का एक मंदिर था। प्रति मास यहाँ एक सहभोज हुआ करता था। इसमें संगमरमर की एक अर्धवृताकार शिला थी। कदाचित् इसी पर से अफलातून और उनके उत्तराधिकारी अपने सिद्धांतों और विचारों का प्रसार किया करते थे। गंभीर संवाद एवं विचार विनिमय की शैली में वहाँ दर्शन, नीति, शिक्षा और धर्म की मूल धारणाओं का विश्लेषण होता था। एक, अनेक, संख्या, असीमता, सीमाबद्धता, प्रत्यक्ष, बुद्धि, ज्ञान, संशय, ज्ञेय, अज्ञेय, शुभ, कल्याण, सुखस आनंद, ईश्वर, अमरत्व, सौर मंडल, निस्सरण, सत्य और संभाव्य, ये उदाहरणतः कुछ प्रमुख विषय हैं जिनकी वहाँ व्याख्या होती थी। यह संस्था नौ सौ वर्षों तक जीवित रही और पहले धारणावाद का, फिर संशयवाद का और उसके पश्चात् समन्वयवाद का संदेश देती रही। इसका क्षेत्र भी धीरे-धीरे विस्तृत होता गया और इतिहास, राजनीति आदि सभी विद्याओं और सभी कलाओं का पोषण इसमें होने लगा। परंतु साहसपूर्ण मौलिक रचनात्मक चिंतन का प्रवाह लुप्त सा होता गया। 529 ई. में सम्राट जुस्तिनियन ने अकादमी को बंद कर दिया और इसकी संपत्ति जब्त कर ली।