"पाषाण युग": अवतरणों में अंतर

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पाषण काल, पूरापाषाण काल, मध्य पाषाण कालीन स्थलों से प्राप्त साक्ष्य के बारे में जानकारी तथा नव पाषाण काल की विशेषता के बारे में जानकारी प्रकाशित कर रहें हैं|
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{{साँचा:भारतीय इतिहास}}
'''पाषाण युग''' [[इतिहास]] का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से [[आग]] पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है।<ref>{{Cite web|url=https://web.archive.org/web/20100818123718/http://www.nhm.ac.uk/about-us/news/2010/august/oldest-tool-use-and-meat-eating-revealed75831.html|title=Oldest tool use and meat-eating revealed {{!}} Natural History Museum|date=2010-08-18|website=web.archive.org|access-date=2021-11-15}}</ref>
 
'''[https://latestxp.com/pashan-kal/ पाषण काल] या पाषाण युग यानी पत्थरों का युग''', जिस युग में मानव के द्वारा पत्थर के बने औजारों का उपयोग प्रमुखता से किया उस युग पाषण युग कहा जाता है| पाषाण काल को '''प्रागैतिहासिक काल''' में अंतर्गत रखा जाता है क्योंकी इस काल के बारे में जानकारी का स्रोत्र पुरातात्विक साक्ष्य है|
[[चित्र:Bhimbetka rock paintng1.jpg|thumb|भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र]]
 
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सम्भवतया 5 लाख वर्ष पूर्व द्वितीय हिमयुग के आरंभकाल मेंं भारत में मानव अस्तित्व आया। लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र के बोरी नामक स्थान से जिन तथ्यों की रिपोर्ट मिली जानकारी के अनुसार मानव की उपस्थिति और भी पहले 14 लाख वर्ष पूर्व मानी जा सकती है । भारत में आदिमानव पत्थर के अनगढ़ और अपरिष्कृत औजारों का इस्तेमाल करता था ।<ref>{{Cite news|url=https://www.bbc.com/news/science-environment-32804177|title=Oldest stone tools pre-date earliest humans|date=2015-05-20|work=BBC News|access-date=2021-11-15|language=en-GB}}</ref>
 
पुरापाषाण कालीन लोग नेग्रिटो जनजाति के थे| लोग खानाबदोश यानी घुमक्कड़ जीवन व्यतीत करते थें और जीवका मुख्य आधार आखेट यानी की शिकार था| आखेटक के साथ-साथ खाद्य संग्राहक होना इस काल की विशेषता है हालाँकि [https://latestxp.com/pashan-kal/ पूरापाषाण काल] में कृषि, पशुपालन तथा स्थाई जीवन का आरम्भ नहीं हुआ|
 
== मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era) ==
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12000 साल से लेकर 10000 साल पूर्व तक। इस युग को माइक्रोलिथ (Microlith) अथवा लधुपाषाण युग भी कहा जाता हैंं।<ref>{{Cite web|url=https://web.archive.org/web/20170919043337/http://www.stonepages.com/news/archives/002605.html|title=Stone Pages Archaeo News: Neolithic Vinca was a metallurgical culture|date=2017-09-19|website=web.archive.org|access-date=2021-11-15}}</ref>
इस काल मेंं अग्नि का आविष्कार हुआ था।
 
पूरापाषाण काल [https://latestxp.com/pashan-kal/ पाषाण काल] का प्रारंभिक चरण था इसके अंत के पश्चात मध्य पाषण काल आरम्भ हुआ, इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम होल्डर माइकल वेस्टुप ने किया| भारत के सन्दर्भ में इस काल के उपकरण सर्वप्रथम 1867 ईस्वी में सी. एल. कार्लाइल ने विन्ध्याचल के क्षेत्रों में खोजें|
 
सराय नाहर राय (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश) की खोज के. सी. ओझा ने तथा उत्खनन जी. आर. शर्मा द्वारा करवाया गया| यह स्थल काफी महत्वपूर्ण है क्योंकी यहाँ से कई प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं| जैसे -
 
* अस्थि-पंजर का सबसे पहले अवशेष
* मानवीय आक्रमण या युद्ध के अवशेष
* दो पुरुष और दो स्त्री को एक साथ दफनाए जाने का साक्ष्य
* स्तम्भगर्त (झोपडी) तथा गर्त-चूल्हे
* त्रिमानव समाधी (एक ही कब्र में तीन मानवों की समाधि)
* चार मानव समाधी (एक ही कब्र में चार मानवों की समाधि)
 
== पाषाण युग और उसके बाद का मानव जीवन संक्षेप में ==
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| [[नवपाषाण काल]]
| हाथ से बने अथवा प्राकृतिक वस्तुओं का हथियार/औजार के रूप में उपयोग - चिसल (लकड़ी एवं पत्थर छीलने के लिये), खेती में प्रयुक्त होने वाले औजार, मिट्टी के बरतन, हथियार
| [[खेती]], शिकार एवं खाद्य संग्रह, मछली का शिकार औरतथा पशुपालन
| rowspan="2"|खेतों के आस पास बसी छोटी बस्तियों से लेकर काँस्य युग के नगरों तक साथ ही स्थाई जीवन का आरम्भ
| rowspan="2"| कबीले से लेकर काँस्य युग के राज्यों तक
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| colspan="2"|[[लौह युग]]
| लोहे के औजार के साथ-साथ पत्थरों, हड्डियों, कांस्य, ताम्बे के बने औजारों का उपयोग
| लोहे के औजार
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