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छो पाषाण काल या पाषण युग यानी पत्थरों का युग, जिस युग में मानव के द्वारा पत्थर के बने औजारों का उपयोग प्रमुखता से किया उस युग पाषण युग कहा जाता है| पाषाण काल को प्रागैतिहासिक काल में अंतर्गत रखा जाता है क्योंकी इस काल के बारे में जानकारी का स्रोत्र पुरातात्विक साक्ष्य है| हिम युग (पूरापाषाण काल) के अंत के पश्चात मध्य पाषण काल आरम्भ हुआ, इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम होल्डर माइकल वेस्टुप ने किया| भारत के सन्दर्भ में इस काल के उपकरण सर्वप्रथम 1867 ईस्वी में सी. एल. कार्लाइल ने विन्ध्याचल के क्षेत्रों
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'''पाषाण युग''' [[इतिहास]] का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से [[आग]] पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है।<ref>{{Cite web|url=https://web.archive.org/web/20100818123718/http://www.nhm.ac.uk/about-us/news/2010/august/oldest-tool-use-and-meat-eating-revealed75831.html|title=Oldest tool use and meat-eating revealed {{!}} Natural History Museum|date=2010-08-18|website=web.archive.org|access-date=2021-11-15}}</ref>
[[चित्र:Bhimbetka rock paintng1.jpg|thumb|भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र]]
 
[https://latestxp.com/pashan-kal/ पाषाण काल] या पाषण युग यानी पत्थरों का युग, जिस युग में मानव के द्वारा पत्थर के बने औजारों का उपयोग प्रमुखता से किया उस युग पाषण युग कहा जाता है| पाषाण काल को प्रागैतिहासिक काल में अंतर्गत रखा जाता है क्योंकी इस काल के बारे में जानकारी का स्रोत्र पुरातात्विक साक्ष्य है|
[[चित्र:Bhimbetka rock paintng1.jpg|thumb|भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र]]
== पुरापाषाण काल (Paleolithic Era) ==
{{main|पुरापाषाण काल}}
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12000 साल से लेकर 10000 साल पूर्व तक। इस युग को माइक्रोलिथ (Microlith) अथवा लधुपाषाण युग भी कहा जाता हैंं।<ref>{{Cite web|url=https://web.archive.org/web/20170919043337/http://www.stonepages.com/news/archives/002605.html|title=Stone Pages Archaeo News: Neolithic Vinca was a metallurgical culture|date=2017-09-19|website=web.archive.org|access-date=2021-11-15}}</ref>
इस काल मेंं अग्नि का आविष्कार हुआ था।
<p class="has-text-align-justify">हिम युग (पूरापाषाण काल) के अंत के पश्चात मध्य [https://latestxp.com/pashan-kal/ पाषण काल] आरम्भ हुआ, इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम होल्डर माइकल वेस्टुप ने किया| भारत के सन्दर्भ में इस काल के उपकरण सर्वप्रथम 1867 ईस्वी में सी. एल. कार्लाइल ने विन्ध्याचल के क्षेत्रों में खोजें|</p>
 
<p class="has-text-align-justify">सराय नाहर राय (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश) की खोज के. सी. ओझा ने तथा उत्खनन जी. आर. शर्मा द्वारा करवाया गया| यह स्थल काफी महत्वपूर्ण है क्योंकी यहाँ से कई प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं| जैसे -</p>
<ul><li>अस्थि-पंजर का सबसे पहले अवशेष</li><li>मानवीय आक्रमण या युद्ध के अवशेष</li><li>दो पुरुष और दो स्त्री को एक साथ दफनाए जाने का साक्ष्य</li><li>स्तम्भगर्त (झोपडी) तथा गर्त-चूल्हे</li><li>त्रिमानव समाधी (एक ही कब्र में तीन मानवों की समाधि)</li><li>चार मानव समाधी (एक ही कब्र में चार मानवों की समाधि)</li></ul>
== पाषाण युग और उसके बाद का मानव जीवन संक्षेप में ==
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