"राजगुरु": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rajguru456.jpg|thumb|right|200px|अमर शहीद '''शिवराम हरि राजगुरु''']]
 
'''शिवराम हरि राजगुरु''' ([[मराठी भाषा|मराठी]]: शिवराम हरी राजगुरू, [[जन्म]]:२४ अगस्त१९०८-[[मृत्यु]]:२३ मार्च १९३१) [[भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन|भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। इन्हें [[भगत सिंह]] और [[सुखदेव]] के साथ २३ मार्च १९३१ को [[फाँसी]] पर लटका दिया गया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के [[इतिहास]] में राजगुरु की शहादत एक महत्वपूर्ण घटना थी।
'''शिवराम हरि राजगुरु''' ([[मराठी भाषा|मराठी]]: शिवराम हरी राजगुरू,
-[[मृत्यु]]:२३ मार्च १९३१) [[भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन|भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। इन्हें [[भगत सिंह]] और [[सुखदेव]] के साथ २३ मार्च १९३१ को [[फाँसी]] पर लटका दिया गया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के [[इतिहास]] में राजगुरु की शहादत एक महत्वपूर्ण घटना थी।
 
'''शिवराम हरि राजगुरु''' का जन्म भाद्रपद के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी सम्वत् १९६५ (विक्रमी) तदनुसार सन् १९०८ में [[पुणे]] [[ज़िला|जिला]] के खेडा [[गाँव]] में हुआ था। ६ वर्ष की आयु में [[पिता]] का निधन हो जाने से बहुत छोटी उम्र में ही ये [[वाराणसी]] विद्याध्ययन करने एवं [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] सीखने आ गये थे। इन्होंने [[हिन्दू]] धर्म-ग्रंन्थों तथा [[वेद]]ो का अध्ययन तो किया ही '''लघु सिद्धान्त कौमुदी''' जैसा क्लिष्ट ग्रन्थ बहुत कम आयु में कण्ठस्थ कर लिया था। इन्हें कसरत (व्यायाम) का बेहद शौक था और छत्रपति [[शिवाजी]] की छापामार युद्ध-शैली के बड़े प्रशंसक थे।