"ब्रज भूमि (फिल्म)": अवतरणों में अंतर

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==गीत-संगीत==
इस चलचित्र के गीतों के गीतकार-संगीतकार रवीन्द्र जैन जी थे और गायकों में उनके अतिरिक्त [[हेमलता]], [[चंद्राणीचंद्रानि मुखर्जी]], [[अनुराधा पौडवाल]] और सुशील कुमार थे। श्री रवीन्द्र जैन जी आत्मकथा <b>सुनहरे पल</b> में चलचित्र के विषय में लिखते हैं:-
{{Blockquote|एक दिन शिवकुमार जी दोपहर का भोजन करने मेरे निवास पर आए। भोजन के पश्चात तनिक विश्राम की मुद्रा में लेटे ही थे कि एक विचार उठ खड़ा हुआ कि हमें अपने ब्रज की संस्कृति को चलचित्र के माध्यम से उजागर करना चाहिए और हम उठकर बैठ गए। दोनों के मुख से एक साथ निकला था यह विचार क्योंकि हम दोनों ही ब्रज से जुड़े हुए हैं, इसलिए सागर तट से अविलम्ब जमुना तट पहुंच गए। मस्तिष्क में लहराने लगे वहां के तीज-त्यौहार, रीति-रिवाज, गीत-संगीत और खानपान की तो बात ही क्या। मेरी और शिव की चर्चा का यही एक मुख्य विषय है। कहानी की रूपरेखा बनने लगी, गीत तो कई फ़िल्मों के लिए तैयार थे। प्रश्न था कि कुबेर का भंडार कहां से हाथ लगे। मेरी धारणा है कि सारी व्यवस्था हो जाती है यदि हम सच्चे मन से संकल्प करें। सपना साकार हुआ, चित्र प्रदर्शित हुआ। नंदन सिनेमा के मालिक देवकी नन्दन जी के आमंत्रण पर मैं अपनी जन्मभूमि अलीगढ़ परिवार सहित पहुंचा। मेरे परिवार में अभी हम दो हमारे दो का अर्धांश का ही था किंतु अलीगढ़ का परिवार ईश्वर की कृपा से भरपूर था। यहां हमारा पैतृक निवास इन्द्रभवन गर्व से सर उठाए खड़ा हुआ था। शिवकुमार द्वारा निर्मित निर्देशित इस फिल्म 'ब्रजभूमि' में मेरे बचपन की परिचिता अलका नूपुर ने नायिका की भूमिका निभाई तथा नायक था राजा बुंदेला, बड़ा भाई हरिया था स्वयं शिवकुमार। "झूला तो पडर गए अमुआ की डार पर जी" ब्रज की यह पारम्परिक मल्हार जब परदे पर आई तो लोग कुर्सियों पर खड़े हो गए। चन्द्राणी मुखर्जी और सुशील के युगल स्वर जनता के सामूहिक स्वरों में खो गए और हम खो गए 'ब्रजभूमि' की अभूतपूर्व सफलता के उन्माद में। हम गर्वित भी थे, गौरवान्वित भी, प्रसन्नचित्त भी, अभिभूत भी। इतने वर्षों बाद ब्रज का थोड़ा सा ऋण उतारने का यह स्वर्णिम अवसर हाथ लगा था किंतु ऋण उतारने के स्थान पर हम ब्रजवासियों के स्नेह के ऋणी होकर लौट आए यह गाते हुए चारों धामों से निराला ब्रजधाम। <ref>{{cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=DdU-a4omR9kC&pg=PA19&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwjvj6Ch2r33AhWimOYKHQrwDqgQ6AF6BAgDEAM#v=onepage&q=%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0&f=false|title=सुनहरे पल|p=55|author=[[रवीन्द्र जैन]]}}</ref>}}
 
== सन्दर्भ ==