"शनि (ज्योतिष)": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox deity
| type = हिन्दू
| name
| other_names = शनीश्वर , सौराष्ट्री , सूर्यपुत्र , श्यामाम्बर , सुवर्णा नन्दन , काकध्वज आदि
| script_name = देवनागरी
| script = शनि
| image = Shani graha.JPG
| affiliation = [[देवता|देव]], [[नवग्रह|ग्रह]],[[कृष्ण]]
| abode = शनि पहाड़ी
| deity_of = [[कर्म]] और परमात्मा प्रतिकार के देवता <br> '''[[शनि (ग्रह)|शनि]]'''
| day = शनिवार
| color = [[काला]]<ref>{{Cite web |url=http://www.astrosagar.com/article.asp?id=71 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=25 दिसंबर 2021 |archive-date=21 अक्तूबर 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20191021002911/http://www.astrosagar.com/article.asp?id=71 |url-status=dead }}</ref>
| tree = पीपल/ खेजड़ी
| number = 8,17,26
| mount = [[कौआ]] , [[गिद्ध]] , [[नर भैंस|भैंसा]] , [[कुत्ता]] , [[गधा]] , [[घोड़ा]] , [[सिंह (पशु)|शेर]] , [[हाथी]] और [[हिरण]]
| father = [[सूर्य नारायण ]]
| mother = [[सुवर्णा]]
| consort = मान्दा और नीलिमा
| offspring = मांदी और नीलिमा
| gender = पुरुष
| weapon = राजदंड, [[त्रिशूल (हथियार)|त्रिशूल]], [[कुल्हाड़ी]] , [[गदा]] , [[धनुष]] और बाण
| mantra = {{IAST|"ओम काकध्वजाय<br> विदम्है <br>खड़ग हस्ताया<br> धीमही<br> तन्नो मंदाह प्रचोदयात"}}{{refn|group=note|अनुवाद: ओम, मुझे उसका ध्यान करने दें जिसके ध्वज में काग है,
ओह, जिसके हाथ में तलवार है, वो मुझे अधिक बुद्धि दे,
और शनीस्वर मेरे दिमाग को प्रकाशमान करें।}}<ref>http://www.hindupedia.com/en/G%C4%81yatri_Mantras_of_Several_Gods</ref> और <br>{{IAST|"ओम शाम शनीश्वराय नमः"}}<ref>{{cite web | url=https://allbhajanlyrics.com/shani-mantra-lyrics-video/ |title=Shani Mantra|trans-title=शनी मंत्र}}</ref>
| planet = [[शनि (ग्रह)|शनि]]
| member_of = [[नवग्रह]]
| siblings = [[तपती]], [[सावर्णि मनु]], [[यमराज]], [[यमी]], [[अश्विनीकुमार (पौराणिक पात्र)|अश्विनीकुमार]], [[वैवस्वत मनु|श्रद्धादेव मनु]] , [[भद्रा]] और [[रेवन्त]]
| greek_equivalent = [[क्रोनोस]], [[एड्रैस्टिया]]
| norse_equivalent = विसारी
| etruscan_equivalent = सत्रे| caption = एक चित्र जिसमें शनि गिद्ध पर सवार हैं
| texts =[[ब्रह्मवैवर्त पुराण]],[[हरिवंश पर्व|हरिवंश]]
}}
[[चित्र:Shani Dev.jpg|thumb|left|एक मंदिर में शनिदेव, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत]]
'''शनि''' ({{IAST|Śani}}) अथवा '''शनैश्चर'''), [[हिन्दू धर्म]] में [[शनि (ग्रह)|शनि]] ग्रह के दिव्य व्यक्तित्व को सन्दर्भित करता है<ref>{{Cite web|title=Planet Saturn ( Shani ) in Astrology|url=https://www.rudraksha-center.com/pages/planet-saturn-shani|access-date=2021-12-25|website=www.rudraksha-center.com}}</ref> और [[भारतीय ज्योतिष]] में नौ स्वर्गीय वस्तुओं ([[नवग्रह]]) में से एक और भगवान [[सूर्य देवता|सूर्य]] के ज्येष्ठ पुत्र हैं।<ref name="Dalal2010p373">{{cite book |first = रोशन |last = दलाल |title = Hinduism: An Alphabetical Guide |trans-title=हिन्दू धर्म: एक वर्णक्रमानुसार मार्गदर्शक |url = https://books.google.com/books?id=DH0vmD8ghdMC&pg=PA373 |year = 2010 |publisher = पेंगुइन बूक्स इंडिया |isbn = 978-0-14-341421-6 |page = 373 }}</ref>
== शनिदेव का जन्म ==
[[कश्यप]] ऋषि की कई पत्नियाँ थी जिनमें उन्हें [[अदिति]] से सर्वाधिक प्रेम था। [[अदिति]] के पुत्रों के रूप में [[आदित्य|आदित्यों]] का जन्म हुआ और आदित्यों में दूसरे स्थान पर [[विवस्वान्|विवस्वान]] हैं जिन्हें आज हम सूर्य नारायण कहतें हैं। भगवान [[सूर्य देवता|सूर्य]] ने देवशिल्पी [[विश्वकर्मा]] की दो पुत्रियों से विवाह किया उनके नाम थे [[सरण्यू]] (संज्ञा) और [[सुवर्णा]] (छाया)। एक बार सुवर्णा ने भगवान [[शिव]] की घोर तपस्या की और उस तप में उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर दिया था जिससे उनके गर्भ में पल रहे बालक का रंग श्याम वर्ण का हो गया। शनि के जन्म में [[सूर्य देवता|सूर्य]] ने उन्हें अपना पुत्र भी स्वीकार नहीं किया था जिससे शनि ने भगवान शिव की तपस्या की और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान [[शिव]] ने उन्हें वर दिया कि मनुष्य तो दूर देवता भी उनके नाम से कापेंगे और उन्हें ही मनुष्यों के कर्मों का फल उन्हें प्रदान करना होगा।
== शनि को श्राप ==
ब्रह्मपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार शनिदेव बचपन से ही भगवान [[विष्णु]] के परम् भक्त थे। बड़े होने पर इनका विवाह [[दक्ष प्रजापति]] की पुत्री दामिनी (नीलिमा) से हुआ। एक बार सन्तान प्राप्ति की इच्छा से शनिदेव की पत्नी दामिनी शनिदेव के पास आई किन्तु शनिदेव उस समय भगवान विष्णु के ध्यान में लीन थे। उनकी पत्नी ने कई प्रयासों से उनका ध्यान तोड़ने का प्रयत्न किया किन्तु सभी प्रयत्न विफल हो गए। क्रोध में उन्होंने शनिदेव को श्राप दिया कि आज से वे जहाँ भी देंखें वहां विनाश हो जाएगा। इसलिए शनिदेव में अपना सिर और नजरें सदा के लिए झुका ली ताकि उनकी दृष्टी से किसी का अहित न हो।
== शनि की सवारी ==
आम तौर पर शनि की दो सवारियां मानी जाती हैं -: पशुओं में भैंसा और पक्षियों में काक लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार शनि की कुल ९ सवारियों का उल्लेख पुराणों में है। वे हैं -:
* [[नर भैंस|भैंसा]]
* [[हाथी]]
* [[सिंह (पशु)|शेर]]
* [[कौआ]]
* [[गिद्ध]]
* [[घोड़ा]]
* [[कुत्ता]]
* [[हिरण]]
* [[गधा]]
इन्हें भी देखे
* [[वैदिक देवता]]
** [[नक्षत्र ]]
** [[अदिति]]
** [[सूर्य नमस्कार]]
* [[हिन्दू देवी देवताओं की सूची]]
==टिप्पणीयाँ==
{{reflist|group=note}}
==सन्दर्भ==
==बाहरी कड़ियाँ==
{{Commons category}}
* [https://web.archive.org/web/20210425050135/https://lyricsbean.com/shani-chalisa-lyrics-pdf/ हिन्दी और अंग्रेज़ी में पीडीएफ़ फाइल के रूप में शनि चालिसा]
{{भारतीय ज्योतिष}}
{{हिन्दू देवी देवता एवं लेख}}
[[श्रेणी:हिन्दू देवता]]
[[श्रेणी:शनि देव]]
[[श्रेणी:ऋग्वैदिक देवी-देवता]]
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