"बौद्ध धर्म का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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*सील-समाधि-पञ्ञा का मार्ग अर्थात moral-concetration-wisdom को प्राप्ति का मार्ग ,जिसके ३७ बोधिपक्खिय-धम्म विस्तारपूर्वक तथागत-बुद्ध ने बताये हैं जो सुत्त-पिटक,विनय-पिटक एवं अभिधम्म-पिटक के नामकरण से प्रथम संगीति में संकलित किये गए जो अजातसत्तु के समय हुई जिसमें ५००अरहत भिक्खुओं ने भाग लिया था ।[[सत्य]] और [[अहिंसा]] के मार्ग को दिखाने वाले [[गौतम बुद्ध|भगवान बुद्ध]] दिव्य आध्यात्मिक विभूतियों में अग्रणी माने जाते हैं। भगवान बुद्ध के बताए आठ सिद्धांत को मानने वाले भारत समेत दुनिया भर में करोड़ो लोग हैं।
{{बौद्ध धर्म}}
☀️पालि अर्थात वह वाणी जो कि भगवां गोतम बुद्ध के मुख से पायी गयी तो उस वाणी को ही पालि कहा गया ।
पालि में "भगवां सब्द(शब्द)का अर्थ है भग्ग(नष्ट ,burnt) करने वाला ।जिसका पालि सुत्त(Paali Stanza ) "सुत्त पिटक" एवं "आचरिय बुद्ध घोस"के ग्रन्थ विसुद्धिमग्ग में है -
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