"मुद्रा (करंसी)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 277:
केन्ज के अनुसार जब हम मुद्रा की मात्रा में परिवर्तन करते है तो सर्वप्रथम ब्याज दर कम हो जाती है और ब्याज की दर के कम होने से निवेश बढ़ जाता है और जब किसी अर्थव्यवस्था में निवेश के स्तर में वृद्धि होती है तो आय, उत्पादन तथा रोजगार भी बढ़ता है और इसमें उत्पादन की लागतों में कमी आती है जिसके कारण हमारी कीमतें प्रभावित होती है। पूर्ण रोजगार से पहले उत्पादन और कीमतें दोनों बढ़ती है परन्तु पूर्ण रोजगार के बाद केवल कीमतें ही बढती है।
लार्ड केन्ज ने अपने रोजगार के सिद्धान्त में अपूर्ण रोजगार संतुलन की बात की हो इसलिए उन्होंने बताया कि पूर्ण रोजगार के स्तर से पहले अगर मुद्रा की पूर्ति को बढ़ाया जाता है तो उत्पादन और रोजगार में वृद्धि होती है परन्तु पूर्ण रोजगार के स्तर पर पहुँचने के बाद केवल कीमत स्तर पर वृद्धि होती है,
=== केन्ज के मुद्रा सिद्धान्त की मान्यताएं===
|