"टैंक": अवतरणों में अंतर

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टेंक में मुख्य तोर पे दो हिस्से होते है, एक निचे का चलित हिस्सा जिसमे की [[ट्रेक]], [[पहिया|पहिये]], [[इंजन]] व सेन्य दल होते है व उप्पर का जिसे की टेरत कहते है जिसमे की तोप, मशीन गन व टेंक के अन्य उपकरण होते है। इसके सेन्य दल में ३ या ४ सदस्य हो सकते है जो की टेंक चलाने, गोले दागने, मशीन गन चलाने व टेंक कमांडर की भूमिका निभाते है।<ref>{{Cite web |url=http://www.wwiivehicles.com/wwii/tank-history.asp |title=संग्रहीत प्रति |access-date=4 सितंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120819124217/http://www.wwiivehicles.com/wwii/tank-history.asp |archive-date=19 अगस्त 2012 |url-status=dead }}</ref>
 
टेंक का मुख्य कार्य [[गोला|गोले]] दागना होता है। इसे सेनाओं द्वारा युद्ध में दुश्मन पर विशेष तोर से बने कई प्रकार के गोले दागने, इस पर लगी [[मशीन गन]] से गोली मारने व पैदल सेना को सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेजा जाता है। टेंक का उपयोग [[पहला विश्व युद्ध|प्रथम विश्वयुद्ध]] में सर्वप्रथम [[राशियांब्रिटिश सेना]] के द्वारा किया गया था व तबसे ही इसकी उपयोगता की वजह से इसमें लगातार बदलाव कर एक के बाद एक उन्नत प्रकार विश्व की सेनाओं द्वारा काम में लाये जा रहे है।
 
[[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के बाद बने टेंको को उनकी पीड़ी में बाटा जाता है।
 
== परिचय एवं इतिहास ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/टैंक" से प्राप्त