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आजकल जिस नगर को अदन कहते हैं यही नगर उन दिनों विशिष्ठों का प्रमुख नगर था, तथा उसका नाम आदित्य नगर था। संस्कृत में आदित्य सूर्य को कहते हैं और अरबी भाषा में आद सूर्य को कहते हैं। सिरियन, अरबी सूर्य के उपासक थे। वास्तव में वे वशिष्ठ के बंशधर थे।
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'''वशिष्ठ''' वैदिक काल के विख्यात [[ऋषि]] थे। वशिष्ठ एक [[सप्तर्षि]] हैं - यानि के उन सात ऋषियों में से एक जिन्हें ईश्वर द्वारा सत्य का ज्ञान एक साथ हुआ था और जिन्होंने मिलकर वेदों का दर्शन किया (वेदों की रचना की, ऐसा कहना अनुचित होगा क्योंकि वेद तो अनादि है)। उनकी पत्नी [[अरुन्धती]] है। वह [[योग-वासिष्ठ]] में [[राम]] के गुरु हैं। वशिष्ठ राजा दशरथ के राजकुल गुरु भी थे।
वशिष्ठ ब्रम्हा के मानस पुत्र थे। त्रिकाल दर्शी तथा बहुत ज्ञान वान ऋषि थे। विश्वामित्र ने इनके 100 पुत्रों को मार दिया था, फिर भी इन्होंने विश्वामित्र को माफ कर दिया। सूर्य वंशी राजा इनकी आज्ञा के बिना कोई धार्मिक कार्य नही करते थे। त्रेता के अंत मे ये ब्रम्हा लोक चले गए थे ।
आकाश में चमकते सात तारों के समूह में पंक्ति के एक स्थान पर वशिष्ठ को स्थित माना जाता है। वशिष्ठ का विवाह [[दक्ष प्रजापति]] और [[प्रसूति]] की पुत्री अरुंधती से हुआ था।आजकल जिस नगर को अदन कहते हैं यही नगर उन दिनों विशिष्ठों का प्रमुख नगर था, तथा उसका नाम आदित्य नगर था। संस्कृत में आदित्य सूर्य को कहते हैं और अरबी भाषा में आद सूर्य को कहते हैं। सिरियन, अरबी सूर्य के उपासक थे। वास्तव में वे वशिष्ठ के बंशधर थे।
[[चित्र:Dipper.jpg|thumb|right|500px| दूसरे (दाहिने से) वशिष्ठ और उनकी पत्नी अरुंधती को दिखाया गया है। अंग्रेज़ी में सप्तर्षि तारसमूह को ''बिग डिपर'' या ''ग्रेट बियर'' (बड़ा भालू) कहते हैं और वशिष्ठ-अरुंधती को ''अल्कोर-मिज़र'' कहते हैं।]]